सुधाकर सिंह बोले-बिहार और देश की पहचान सिर्फ एक ही व्यक्ति से क्यों, क्या यही है डेमोक्रेसी
अपने बयानों से सुर्खियों में रहनेवाले बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने एक बार फिर अपने बयान से हंगामा मचा दिया है.
कैमूर : अपने बयानों से सुर्खियों में रहनेवाले बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने एक बार फिर अपने बयान से हंगामा मचा दिया है. दरअसल कैमूर जिले के एमपी कॉलेज मोहनिया में आयोजित नेशनल सेमिनार में पहुंचे बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा बिहार में बस यही स्लोगन और नारा सुनाई देता है कि बिहार में बहार है और नीतीशे कुमार है. उसी तरह देश में मोदी सरकार होता है. कहीं यह नहीं कहा जाता कि 135 करोड़ देशवासियों की सरकार है या भारत की सरकार है क्या यही डेमोक्रेसी रह गया है. मैं अगर कुछ राजनीतिक बातें कहूंगा तो विवादास्पद हो जाएगा, इसलिए मैं ज्यादा कुछ नहीं बोलना चाहता.
बिहार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने नेशनल सेमिनार में बोलते हुए कहा कि 18 साल की उम्र में एक व्यापारी से अमेरिका जैसे मेच्योर देश में राष्ट्रपति के पद पा लेते हैं, लेकिन दुनिया का अजूबा है कि हमारे यहां 18 साल की उम्र में वार्ड कमिश्नर का भी चुनाव कोई नहीं जीतता. हमारे इंडिया में किसी के बाल काले हैं तो कहा जाता है चुनाव लड़ने के लिए अभी मेच्योर नहीं हुआ है.
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा आरोप राजनीति में लगाया जाता है कि अगर इसके सब बाल काले हैं तो यह अच्छे से चुनाव नहीं लड़ पाएगा. इसको लेकर कई लोगों ने अपने सफेद बाल को रंगा तक नहीं. हमारे यहां धान और बीज का हाल तो देख ही रहे हैं आप. हमारे यहां संभव नहीं है कि पुलिस वाले किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ मार्च खोल दे.
अभी हम और देशों के अपेक्षा काफी पीछे हैं. डेमोक्रेसी सिर्फ नाम की रह गई है. बिहार में नारा दिया जाता है कि बिहार में बहार है और नीतीशे कुमार है. मतलब सिर्फ एक व्यक्ति से बिहार में पहचान बताया जाता है. उसी तरह हमारे देश के प्रधानमंत्री अगर कहीं भी जाते हैं तो चौक चौराहे पर नारा दिया जाता है मोदी सरकार. भारत की सरकार या देश की सरकार नहीं कहा जाता. मतलब एक व्यक्ति से पहचान देने की कोशिश की जाती है. देश के 135 करोड़ के प्रतिनिधित्व करने वालों की सरकार नहीं कहा जाता. कहीं प्रधानमंत्री जाते हैं तो भारत का प्रधानमंत्री आया है यह नहीं कहा जाता. देश किस संकट के दौर से गुजर रहा है इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. मैं राजनीति पर बहुत ज्यादा नहीं बोलूंगा नहीं तो विवादास्पद हो जाएगा.
(रिपोर्ट- मुकुल जायसवाल)
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