Gaya: बिहार के गया जिले के खिजरसराय थाना क्षेत्र के मकसूदपुर गांव में रहे करीब 350 साल से भी अधिक मकसूदपुर स्टेट का किला है. बताया जाता है कि मकसुपुर का यह किला कभी मगध का शासन रहा यह किला अपनी बुलन्दियों का दास्तां बयां करने के लिए आज भी खड़ा है. पर वर्तमान में अब यह खण्डहर बना हुआ है. खण्डहर में लोग रात तो क्या अब दिन के उजाले में भी जाने से डरते हैं. इस किले का खण्डहर इन दिनों भेड़ियों का आशियाना बना है. शाम को अंधेरा होते ही भेड़िये किले से गांव में निकलते हैं. भेड़ियों ने गांव में अब तक 4 ग्रामीणों को लहूलुहान कर घायल कर दिया है. वहीं मवेशियों को बुरी तरह घायल कर दिया है.


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भेड़ियों के आतंक से गांववाले पिछले आठ-दस दिनों से दहशत में है. पूरे गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है. ग्रामीण सतीश कुमार ने बताया कि भेड़िया का ऐसा आतंक बना है की शाम होते ही लोग घर चले जाते है. पिछले 10 दिनों से मकसूदपुर किला से भेड़िया निकल रहा है. जिससे डर के साए में रह रहे है. 


बीते बुधवार को गांव के युवक बाहर निकले थे. इसी दौरान 4 से 5 की संख्या में रहे भेड़िया ने हमला कर दिया. जिसके बाद एक भेड़िया को ग्रामीणों ने लाठी डंडा से पीट पीटकर मार डाला. भेड़िया के आतंक के बाद वन विभाग को इसकी जानकारी दी गई है. जिसके बाद वन विभाग की टीम के द्वारा बीते सोमवार को मकसूदपुर किला के बाहर 1 पिंजरा लगाया गया है. पिंजरे के अंदर चिकन का टुकड़ा लटकाया गया है ताकि भेड़िया इसे खाने आए और वह पिंजरा में कैद हो जाए. इससे भी ग्रामीण संतुष्ट नहीं है चुकी भेड़िया की संख्या ज्यादा है और पिंजरा कम रखा गया है.


घायल महिला देवंती देवी की सास चिंता देवी बताती है कि वह घर के बाहर पानी लेने के लिए निकली थी तभी भेड़िया ने हमला कर दिया. पहले हाथ पर किया फिर चेहरा पर किया. जिसमें वह घायल हो गई. जब ग्रामीण शोर सुनकर दौड़े तो भेड़िया भागा. गांव में घटना के बाद शाम में घर के बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. घर के बाहर खड़ा रहने के लिए भी डंडा लेकर रहना पड़ता है.


रिपोर्ट: पुरुषोत्तम कुमार