पटना: बिहार में अप्रैल से नये शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होने वाली है. ऐसे में इस बार राज्य के  71,863 प्रारंभिक विद्यालयों और 9,360 माध्यमिक विद्यालयों में पठन-पाठन की निगरानी और कड़ी होने वाली है. इस बीच, पिछले शैक्षणिक सत्र में 17,600 गायब शिक्षकों की खोज-खबर लेने से लेकर उनके खिलाफ विधि-सम्मति कार्रवाई तेज कर दी गई है. एक तरफ फरार शिक्षकों के वेतन में कटौती किया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ छह माह से लेकर दो साल से फरार चल रहे 582 शिक्षकों को बर्खास्तगी की अनुशंसा भी की गई है.


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शिक्षा विभाग की तरफ से की जा रही कार्रवाई के चलते वेतन कटौती वाले 17 हजार 600 शिक्षकों की वरीयता भी खतरे में आ गई है. नियमित सेवा में टूट के कारण ऐसे शिक्षकों की वरीयता कम होगी. जिसका असर शिक्षकों के वेतन में वृद्धि से लेकर उनके प्रोन्नति पर भी देखने को मिलेगा. शिक्षा विभाग भी इस मामले में शिक्षकों के प्रति नरमी दिखाने के मूड में नहीं है. शिक्षा विभाग को सभी 38 जिलों से मिली निगरानी रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के विद्यालयों में छह माह से कम समय लेकर दो साल से भी अधिक अवधि से बिना सूचना दिए 17,600 शिक्षक फरार चल रहे हैं.


विभाग ने अब फरार चल रहे 13 शिक्षकों को अब तक बर्खास्त किया गया है. इसमें नवादा के 8, भोजपुर के 3, सारण एवं सुपौल के 1-1 शिक्षक हैं. जबकि 235 शिक्षकों को शिक्षा विक्षाग की तरफ से निलंबित करने की अनुशंसा की गई है. वहीं बीते सप्ताह विभाग ने 2185 शिक्षकों के वेतन में कटौती करने का निर्देश दिया है.इसके अलावा 16,418 शिक्षक ऐसे हैं जो छह माह से कम समय से अपने विद्यालयों से फरार चल रहे हैं. वहीं 586 शिक्षक ऐसे हैं जो छह माह से लेकर दो साल से ज्यादा समय से गायब हैं.


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