Bihar Universities Teachers: बिहार के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के आधे से अधिक पद खाली, 4 साल से कछुए की रफ्तार में हो रही बहाली
Bihar News: विश्वविद्यालयों में सहायक शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए 2024 में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई थी, जो अभी तक काफी धीमी रफ्तार से चल रही है.
Bihar Education System: देश को सबसे ज्यादा आईएएस-आईपीएस अधिकारी देने वाले बिहार की ये अजीब विडंबना है कि प्रदेश के 13 विश्वविद्यालयों में अधिकतर विषयों की पढ़ाई बिना स्थाई शिक्षकों के हो रही है. मई 2024 तक विभिन्न विश्वविद्यालयों में आधे से अधिक शिक्षकों के पद खाली हैं. कई विषयों में एक भी नियमित शिक्षक कार्यरत नहीं हैं. जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के विश्वविद्यालयों में कुल सृजित 8603 पदों में से केवल 4495 पदों पर ही शिक्षक नियुक्त हैं. विश्वविद्यालयों द्वारा राजभवन को इस संबंध में जानकारी दी गई थी. कुलपतियों ने राज्यपाल को बताया कि जिन विषयों के शिक्षक नहीं हैं, वहां अतिथि शिक्षक कक्षा लेते हैं. अतिथि शिक्षकों को भी समय से भुगतान नहीं हो पा रहा है.
जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के विश्वविद्यालयों में सहायक शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए 2024 में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई थी. हालांकि यह प्रक्रिया इतनी धीमी तरह से चल रही है कि कई विषयों में एक भी टीचर नहीं है. जयप्रकाश विश्वविद्यालयों के 21 अंगीभूत कॉलेजों में कला और विज्ञान संकाय के अंतर्गत 17 विषयों में सहायक प्राध्यापकों के कुल 139 पदों स्थायी नियुक्ति के लिए साल 2020 में नोटिफिकेशन जारी हुआ था. इसमें परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यार्थियों का 04 साल से साक्षात्कार नहीं हुआ है. हालांकि, पिछले 3-4 महीने में कुछ विषयों में साक्षात्कार के बाद 80 कैंडिडेट को नियुक्ति दी गई है. इसी तरह से आरा में स्थित वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के अंतर्गत कॉलेजों में 960 के आसपास पद रिक्त हैं.
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बीएन मंडल मधेपुरा में 14 विषयों में से 11 के शिक्षक ही नहीं हैं. पटना विश्वविद्यालय में बंगाली भाषा के शिक्षक नहीं हैं. ललित नारायण विश्वविद्यालय में शिक्षकों के 117 पद रिक्त हैं. 381 अतिथि शिक्षक हैं. बीआरए विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर में शिक्षकों का स्वीकृत पद 1690 है, जिनमें 637 ही नियमित शिक्षक हैं. 501 अतिथि शिक्षक रखे गये हैं. वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में 965 स्वीकृत पदों के विरुद्ध 351 शिक्षक ही कार्यरत हैं. यहां 264 अतिथि शिक्षक हैं. इसी प्रकार पूर्णिया विश्वविद्यालय में 782 पदों के विरुद्ध 172 ही कार्यरत हैं. यहां अतिथि शिक्षक 60 हैं. तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में 15 वैसे विषय हैं, जिनके एक भी नियमित शिक्षक नहीं हैं. जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा में 11 विषयों के शिक्षक नहीं हैं.