कितने बिहारी-कितने बाहरी: शिक्षक भर्ती में बिहार का हिस्सा कितना?
बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षा के पहले जो बवाल मचा था वह दरअसल डोमिसाइल नीति को लेकर था. छात्रों की मांग थी कि बिहार के छात्रों को ही शिक्षक भर्ती परीक्षा में स्थान मिलना चाहिए. इसमें बाहरी लोगों के आने का क्या मतलब है.
BPSC TRE JOB: बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षा के पहले जो बवाल मचा था वह दरअसल डोमिसाइल नीति को लेकर था. छात्रों की मांग थी कि बिहार के छात्रों को ही शिक्षक भर्ती परीक्षा में स्थान मिलना चाहिए. इसमें बाहरी लोगों के आने का क्या मतलब है. हालांकि विभाग की तरफ से तर्क दिया गया कि जब बिहारी अन्य राज्यों की भर्ती परीक्षा में शामिल होते हैं तो देश के किसी भी हिस्से में रहने वाले लोगों के लिए यहां शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल होने का हक क्यों ना मिले. हालांकि इन सभी बाधाओं के बावजूद भी BPSC की तरफ से शिक्षक भर्ती परीक्षा का पहला चरण संपन्न हुआ और 1 लाख 70 हजार से ज्यादा पदों पर निकाली गई वैकेंसी में 1 लाख 20 हजार से ज्यादा छात्र सफल हुए यानी बड़ी संख्या में छात्रों का चयन होने के बाद भी हजारों की संख्या में सीट खाली रह गया है. अब इसको लेकर विपक्षी दलों की तरफ से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला गया है.
पहले तो विपक्ष यह इल्जाम लगा रहा था कि 1 लाख 70 हजार से ज्यादा पदों पर निकाली गई वैकेंसी के लिए सरकार को इतने छात्र नहीं मिल पाए. यानी कई हजार सीटें खाली रह गईं. ऐसे में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए गए. वहीं उपेंद्र कुशवाहा, भाजपा नेताओं, चिराग पासवान और जीतन राम मांझी जैसों की तरफ से अब यह बात कही जा रही है कि इस परीक्षा में यूपी के फुलपुर और बिहार के नालंदा से सबसे ज्यादा छात्र सफल हुए. मतलब साफ था कि नालंदा सीएम नीतीश का गृह जिला है और वहीं फुलपुर से नीतीश कुमार के लोकसभा चुनाव लड़ने की बात हो रही है. ऐसे में विपक्षी दल यह बता रहे हैं कि यह पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित स्टंट है.
हालांकि शिक्षा विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों की मानें तो बिहार में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की तरफ से जारी शिक्षक परीक्षा के रिजल्ट में कुल 1,20,336 अभ्यर्थी सफल हुए हैं. इसमें से 88 फीसद बिहार के और 12 फीसद बिहार से बाहर के छात्रों ने बाजी मारी है. बिहार सरकार के सूचना व जनसंपर्क विभाग के द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इस बात की जानकारी दी गई है. जारी आंकड़ों की मानें तो प्रारंभिक शिक्षकों की 70,545 माध्यमिक शिक्षकों की 26,089 और उच्च शिक्षकों की 23, 702 पदों पर बहाली हुई है.
ऐसे में बिहार सरकार के सूचना व जनसंपर्क विभाग के द्वारा जारी आंकड़ों की मानें तो इस बहाली में बिहार के 88 प्रतिशत और अन्य राज्यों के 12 प्रतिशत छात्रों ने सफलता हासिल की है. आपको बता दें कि इसमें केरल, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, असम, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, पश्चिम बंगाल इसके अलावा ओमान और कतर में रह रहे बिहारी अभ्यर्थी भी इस परीक्षा में सफलता हासिल कर चुके हैं.
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