Patna: बिहार में कथित रूप से मंत्री रामसूरत राय के स्कूल से बरामद शराब को लेकर मचा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब तेजस्वी के आरोपों पर मंत्री रामसूरत राय ने जवाब दिया है. रामसूरत राय ने कहा, 'विभाग में जिस तरह से काम हो रहा है उससे विपक्ष घबराया हुआ है. मेरे मंत्री बनने के बाद भूमाफियाओं में खलबली है. कुछ नेता भी परेशान हैं जो जमीन हड़पने में लगे रहते हैं.'


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मंत्री ने विपक्ष द्वारा लगाए गए आरापों को गलत बताते हुए अपने बयान में कहा कि 'मेरे ऊपर लगे आरोप सरासर गलत और झूठें है. जमीन मेरे भाई के नाम पर है मेरी इसमे कोई संलिप्तता नही है. 2006 में मेरे पिताजी ने घर का बंटवारा कर दिया था, मेरे पास कोर्ट की कॉपी , मौखिक और रजिस्टर्ड बंटवारा भी है.' रामसूरत राय का कहना है कि 'मेरे चार भाइयों का संयुक्त परिवार है. बंटवारे के बाद मेरे भाई ने जमीन खरीदी और मैंने अलग घर बना लिया.'


मंत्री ने आगे कहा कि 'हमलोग दूध बेचते हैं, और मेरी सारी संपत्ति दूध बेचने से ही बनी है ना कि जहर बेचने से. विपक्ष चाहे तो बड़े से बड़े एजेंसी से जांच करा लें.' उन्होंने कहा कि अमरेंद्र कुमार जो पकड़े गए हैं उनके भाई के नाम पर स्विफ्ट डिजायर गाड़ी है. अमरेंद्र कुमार और उनके रिश्तेदार दिलीप कुमार की भी गिरफ्तारी हुई है. दिलीप कुमार बड़ा दारू माफिया है, इस पर पहले से भी 3 मामला दर्ज हैं. यह सभी लोग महागठबंधन के लोग हैं. और बिना वजह मुझे फंसाने का काम किया जा रहा है. इस मामले में कही से भी मेरे परिवार की कोई संलिप्तता नहीं है.'


मंत्री ने कहा, 'जांच में यदि मेरा भाई दोषी पाया गया तो वह सजा का हकदार होगा. लेकिन मेरी क्या गलती है. मैंने क्या किया है, यह जांच का विषय है. मेरी सरकार न किसी को फंसाती है और न बचाती है.' दरअसल, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को एक बार फिर आरोप लगाया था कि इस मामले में मंत्री राय झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि 'मुजफ्फरपुर के बोचहा थाना के जिस स्कूल से शराब बरामद की गई थी, उस स्कूल के संस्थापक मंत्री रामसूरत राय है तथा व्यवस्थापक और स्कूल के मालिक उनके भाई हैं.'


Tejashwi Yadav का कहना है कि स्कूल का उद्घाटन मंत्री रामसूरत राय ने खुद किया है. उन्होंने इसकी तस्वीर भी संवाददाता सम्मेलन में दिखाई. जिसके जवाब में रामसूरत राय ने अपने बयान में कहा कि 'मैं वहां सार्वजनिक काम में गया था, ऐसे में साथ-साथ तस्वीर होने से आरोप पुख्ता नहीं होता. मेरा राजनैतिक क्षेत्र में होने से कहीं आना-जाना स्वभाविक है. जनप्रतिनिधि होने के नाते कोई कहीं बुलाता है तो मैं जाता हूं. अब जान गया हूं अब बुलाया जाएगा तो नहीं जाऊंगा.'