नयी दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव में प्रदेश के सीमांचल और मिथिलांचल क्षेत्र में पांच नवंबर को होने वाले अंतिम चरण के मतदान में दो प्रमुख प्रतिद्वन्द्वी गठबंधनों भाजपा नीत राजग और जदयू, राजद और कांग्रेस के महागठबंधन अपने बेहतर प्रदर्शन और अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं।


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साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी सीमांचल क्षेत्र में मोदी लहर का असर नहीं दिखाई पड़ा था और भाजपा इस क्षेत्र की सभी चार लोकसभा सीटें हार गई थी। मुस्लिम बहुल आबादी वाले इस क्षेत्र में हालांकि भाजपा का प्रभाव रहा है और 2010 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया था।


जदयू-राजद-कांग्रेस का महागठबंधन मुस्लिम मतों के साथ पिछड़े वर्ग के मतदाताओं को अपने साथ जोड़ कर भाजपा नीत राजग को परास्त करने के प्रयास में है। दूसरी ओर भाजपा नीत गठबंधन का कहना है कि वह सभी जातियों के मतदाताओं को एक साथ जोड़कर बाजी पलट सकती है। हाल ही में मीडिया से बातचीत में भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने अनुमान व्यक्त किया था कि भारत के चुनावी राजनीति के इतिहास में सबसे रोमांचक जीत सीमांचल में होगी और राजनीतिक पंडितों को इस क्षेत्र में इसे देखने आना चाहिए।


महागठबंधन के नेता भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जदयू, राजद, कांग्रेस पर दलितों, महादलितों, पिछड़ों के आरक्षण कोटे में से पांच प्रतिशत निकालकर एक ‘समुदाय विशेष’ को देने की कोशिश करने का आरोप लगाने के बाद भाजपा नेता साम्प्रदायिक आधार पर मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रहे हैं। जदयू, राजद नेताओं की ओर से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर भी उनकी टिप्पणी के लिए ऐसे ही आरोप लगाये जा रहे हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर बिहार में भाजपा हारी तक पाकिस्तान में पटाखे फूटेंगे। भाजपा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए महागठबंधन के नेताओं पर ‘तुष्टीकरण’ की राजनीति करने का आरोप लगाया है।


भाजपा की ओर से जदयू, राजद, कांग्रेस के महागठबंधन पर पिछड़े वर्ग के आरक्षण का हिस्सा मुस्लिमों को देने की संभावना तथा आतंकी संदिग्धों पर नरमी बरतने का आरोप लगाकर हिन्दू मतदाताओं को एकजुट करने और महागठबंधन की संभावनाओं को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। महगठबंधन को ऐसी कोई संभावना नहीं दिखती है। बिहार प्रदेश जदयू प्रमुख वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि भाजपा चुनाव को साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। हम अंतिम चरण में जीत दर्ज करेंगे।


मिथिलांचल क्षेत्र में भाजपा का मानना है कि पप्पू यादव की भूमिका महत्वपूर्ण होगी और उससे भाजपा को फायदा मिलेगा। राजद से निष्काषित पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी ने अनेक सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये हैं और वे चुनावी समर में मुकाबले में हैं। पप्पू यादव मधेपुरा से सांसद हैं जबकि उनकी पत्नी रंजीत रंजन सुपौल से सांसद हैं। यहां पांचवे चरण में मतदान होगा।