पाकुड़: झारखंड के पाकुड़ जिले के महेशपुर बांग्ला भाषियों ने परंपरागत लोक पर्व जमाई षष्ठी गुरुवार को उल्लास के साथ मनाया. नए कपड़े पहने, मिठाइयां, वस्त्र और उपहार लेकर दामाद ससुराल पहुंचे. यहां सास ने उनका पारंपरिक तरीके से स्वागत किया.


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इस  त्योहार में दामाद को टीका लगाकर आरती भी की जाती है, वहीं, ससुराल में दामाद के समक्ष स्वादिष्ट व्यजंन परोसे गए. जमाई षष्ठी को लेकर गुरुवार को पूरे दिन विभिन्न जगहों पर गहमागहमी रही. विभिन्न मिठाई, फल व उपहार की दुकानों में लोगों की अच्छी खासी भीड़ देखी गई.


जमाई षष्ठी का त्योहार दामाद को मान-सम्मान व आदर-सत्कार करने के लिए मनाया जाता है. इसका ससुराल पक्ष का पूरा परिवार लुत्फ उठाता है, गुरुवार को सुबह स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद बंगाली परिवारों में सास ने दामाद के साथ षष्ठी पूजा की.


इसमें विधि-विधान से मां दुर्गा की पूजा की गई. मां दुर्गा को पांच प्रकार के फल चढ़ाये गए. पूजा के बाद सास द्वारा पंखे से दामाद के लिए हवा करने की रस्म निभाई गई. जमाई के हाथ में पीला रक्षा सूत्र बांधा.