जमशेदपुर: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के छह श्रमिकों को शनिवार को घर लौटने पर स्थानीय प्रशासन द्वारा सम्मानित किया गया. ये श्रमिक उत्तराखंड की एक निर्माणाधीन सुरंग में फंस गए थे और 17 दिन बाद उसमें से निकाले गए. यह जानकारी एक अधिकारी ने दी. 


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जमशेदपुर: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के छह श्रमिकों को शनिवार को घर लौटने पर स्थानीय प्रशासन द्वारा सम्मानित किया गया. ये श्रमिक उत्तराखंड की एक निर्माणाधीन सुरंग में फंस गए थे और 17 दिन बाद उसमें से निकाले गए. यह जानकारी एक अधिकारी ने दी. अधिकारी ने बताया कि इन श्रमिकों को शुक्रवार रात हवाई मार्ग से उत्तराखंड से झारखंड की राजधानी रांची लाया गया और यहां उनके गृह जिले के कलेक्टर कार्यालय पहुंचाया गया. श्रमिकों को जिलाधिकारी-सह-उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के निर्देश पर सम्मानित किया गया, जो यहां से लगभग 90 किलोमीटर दूर बहरागोड़ा में झारखंड के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन के दौरे के कारण समारोह में व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हो सके. जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में उप विकास आयुक्त मनीष कुमार और अनुमंडल अधिकारी (धालभूम) पीयूष सिन्हा ने श्रमिकों के सकुशल लौटने पर उनका स्वागत किया. अधिकारियों द्वारा श्रमिकों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संबंधित अधिकारियों को श्रमिकों को सरकारी योजनाओं का लाभार्थी बनाने का निर्देश दिया है. मजदूरों ने उन्हें सुरक्षित घर वापस लाने के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया. गौरतलब है कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग से सकुशल बाहर निकाले गये 41 श्रमिकों में से झारखंड, ओडिशा और असम के 21 श्रमिक शुक्रवार को अपने-अपने घर पहुंच गये. झारखंड की राजधानी रांची में बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर 15 श्रमिकों का जोरदार स्वागत किया गया. उनका विमान रात आठ बजे यहां पहुंचा. हवाई अड्डे पर श्रमिकों का स्वागत करने वाले राज्य के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा, 'एक बड़ा मिशन पूरा हुआ है. सरकार उनकी पूरी मदद करेगी.' श्रमिकों को एक विशेष बस से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास ले जाया गया, जहां उन्होंने उनसे बातचीत की और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली. श्रमिकों से बातचीत करते हुए CM सोरेन ने कहा, 'खुशी है कि आप सभी उत्तराखंड में हुए इतने बड़े हादसे से सकुशल झारखंड लौट आये हैं. पूरा देश आप सभी के लिए प्रार्थना कर रहा था. आप सभी को राज्य सरकार की रोजगार संबंधी एवं अन्य योजनाओं से जोड़ा जायेगा. मैंने अधिकारियों को इस बारे में निर्देश दे दिये हैं. मैं खुद इसकी जानकारी लेता रहूंगा.' (इनपुट भाषा के साथ)


अधिकारी ने बताया कि इन श्रमिकों को शुक्रवार रात हवाई मार्ग से उत्तराखंड से झारखंड की राजधानी रांची लाया गया और यहां उनके गृह जिले के कलेक्टर कार्यालय पहुंचाया गया. श्रमिकों को जिलाधिकारी-सह-उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के निर्देश पर सम्मानित किया गया, जो यहां से लगभग 90 किलोमीटर दूर बहरागोड़ा में झारखंड के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन के दौरे के कारण समारोह में व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हो सके. 


जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में उप विकास आयुक्त मनीष कुमार और अनुमंडल अधिकारी (धालभूम) पीयूष सिन्हा ने श्रमिकों के सकुशल लौटने पर उनका स्वागत किया. अधिकारियों द्वारा श्रमिकों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संबंधित अधिकारियों को श्रमिकों को सरकारी योजनाओं का लाभार्थी बनाने का निर्देश दिया है. मजदूरों ने उन्हें सुरक्षित घर वापस लाने के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया. 


गौरतलब है कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग से सकुशल बाहर निकाले गये 41 श्रमिकों में से झारखंड, ओडिशा और असम के 21 श्रमिक शुक्रवार को अपने-अपने घर पहुंच गये. झारखंड की राजधानी रांची में बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर 15 श्रमिकों का जोरदार स्वागत किया गया. उनका विमान रात आठ बजे यहां पहुंचा. 


हवाई अड्डे पर श्रमिकों का स्वागत करने वाले राज्य के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा, 'एक बड़ा मिशन पूरा हुआ है. सरकार उनकी पूरी मदद करेगी.' श्रमिकों को एक विशेष बस से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास ले जाया गया, जहां उन्होंने उनसे बातचीत की और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली. श्रमिकों से बातचीत करते हुए CM सोरेन ने कहा, 'खुशी है कि आप सभी उत्तराखंड में हुए इतने बड़े हादसे से सकुशल झारखंड लौट आये हैं. पूरा देश आप सभी के लिए प्रार्थना कर रहा था. आप सभी को राज्य सरकार की रोजगार संबंधी एवं अन्य योजनाओं से जोड़ा जायेगा. मैंने अधिकारियों को इस बारे में निर्देश दे दिये हैं. मैं खुद इसकी जानकारी लेता रहूंगा.' 


(इनपुट भाषा के साथ)