पटनाः बिहार महागठबंधन में लालू यादव इसके सूत्रधार नजर आ रहे हैं. जिस तरह से जेल में नेता उनसे मिल रहे हैं. इससे यह तय है कि होटवार जेल से ही सीट शेयरिंग तय होगा. हालांकि, अब तक सीटों पर अंतिम फैसला नहीं हो सका है. वहीं, जेडीयू नेता अशोक चौधरी का कहना है कि लालू यादव पहले भी ऐसा ही करते हैं. वह ऐसी स्थिति पर सीट शेयरिंग को लाकर छोड़ेंगे की किसी के पास ऑप्शन ही नहीं होगा. और अंत में सभी लालू यादव की ही बात मानेंगे. जिसमें उनकी परिवार सबसे आगे होगा.


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सीट शेयरिंग में देरी पर बीजेपी को आपसी द्वंद दिख रही है. बीजेपी नेता निखिल आनंद महागठबंधन को खंड-खंड मान रहे हैं. निखिल आनंद ने कहा है कि महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर घमासान मचा हुआ है. होटलवार जेल से सीट बंटवारा हो रहा है. काग्रेस नेता राहुल गांधी को होटलवार जेल में शरणनागत होना पड़ेगा तब जाकर सीट का फॉर्मूला तय होगा. उन्होंने आरजेडी के संस्कार पर भी सवाल खड़े किए.


वहीं, कांग्रेस से जेडीयू में आए आशोक चौधरी ने कहा कि लालू यादव के साथ हमने भी कई बार सीट डिलिंग की है. लालू प्रसाद अपने गठबंधन पार्टी पर फेयर कभी नहीं रहे है. सबसे पहले उनके लिए अपने खुद फिर उसके बाद अपना परिवार और फिर अपनी पार्टी है. सबसे अंत में गठबंधन को देखते है. गठबंदन के अन्य दलो को वे एक दो सीट देखर ठेंगा दिखा देंगे. अपने पार्टी को वहीं सीट देंगे जहां पर उन्हें अपनी पार्टी की स्थिति ठीक नहीं दिखेंगी. लालू प्रसाद यादव सीट बंटवारे को अंत तक ले जाएंगे और फिर इस स्थिति में छोड़ेंगे की किसी के पास कोई ऑप्शन नहीं रहेगा.


वहीं, एनडीए नेताओं के बयान पर महागठबंधन ने अपनी सफाई दी है. आरजेडी नेता आलोक मेहता ने कहा है कि महागठबंधन जनता की चाहत है. हर दल इसमें जरुर रहेंगी. समान विचारधार के लोग हमारे साथ रहेंगे ही. उन्होंने कहा कि नेगोसिएशन के कारण सीट शेयरिंग में देरी हो रही है. हर पार्टी चाहती है सबसे अधिक सीट पर उनकी पार्टी चुनाव लड़े. 


वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस सीट शेयरिंग पर स्पष्ट बयान दिया है. काग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि दो चार दिन और रूक जाएं सब साफ हो जायेंगा. उन्होंने कहा कि 20 फरवरी को सबकुछ होना था लेकिन नहीं हो सका. महागठबंधन के कुछ लोग बाहर थे इसलिए सीट शेयरिंग नहीं हो सका.