नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर में लागू धारा 370 को हटाने का प्रस्ताव पेश कर दिया गया है. वहीं, 35ए आर्टिकिल को हटा दिया गया है. धारा 370 को खत्म करने का प्रस्ताप राज्यसभा में अमित शाह ने पेश किया है. जबकि राष्ट्रपति से इसकी मंजूरी भी मिल गई है. लेकिन राजनीतिक पार्टियों द्वारा अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है.


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एनडीए में कुछ सहयोगी दल बीजेपी के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं तो वहीं, कई विपक्षी दल एनडीए के साथ खड़ी हो गई है. बीजेपी की सबसे करीबी दल जेडीयू ने ही इसका जोरदार विरोध किया है. जेडीयू ने इसे देश के लिए काला दिन बताया है. साथ ही कहा है कि यह लोकतंत्र की हत्या जैसा है.


बिहार सरकार के मंत्री और जेडीयू नेता श्याम रजक ने खुलकर जम्मू-कश्मीर विधेयक का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का प्रस्ताव का हम पूरी तरह से विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि यह देश के लिए काला दिन है.



श्याम रजक ने बीजेपी के इस प्रस्ताव को लोकतंत्र की हत्या की संज्ञा दी है. उन्होंने कहा कि जेडीयू ने बीजेपी के किसी भी विवादस्पद मामलों में साथ नहीं दिया है. इसलिए इसपर भी उनकी पार्टी का फैसला अडिग है. हालांकि, उन्होंने यह कहा कि वोटिंग को लेकर पार्टी के नेता और सांसद तय करेंगे.


जेडीयू के महासचिव केसी त्यागी ने भी कहा है कि पार्टी प्रमुख नीतीश कुमार राम मनोहर लोहिया और जॉर्ज फर्नांडीस की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. इसलिए राज्यसभा में विधेयक का समर्थन हम नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि धारा 370 को निरस्त नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जॉर्ज फर्नांडीस ने धारा 370 का समर्थन किया था. इसलिए हम इसका विरोध करेंगे.


श्याम रजक ने कहा यह देश के लिए काल दिन है. आज देश को अलग-अलग बांटने की साजिश की गई है. जनता दल यू विवादस्पद मामलों पर अलग रही है. आज भी अडिग है बिहार में समझौता है बिहार के बाहर समझौता है. लोकतंत्र की हत्या है. समय के आधार पर नेता और सांसद तय करेगी.