पटना : केंद्र सरकार ने भले ही लोकसभा में तत्काल तीन तलाक विधेयक को पास करा लिया हो, लेकिन राज्यसभा में मोदी सरकार के सामन कई रोड़े मुंह बाए खड़े हैं. राज्यसभा में अलपमत से जूझ रही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से उनके अपने ही सहयोगी ने इस मामले पर दूरी बना ली है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने साफ-साफ कह दिया है कि अगर सदन में बिल पेश किया गया और वोटिंग की नौबत आती है तो उनके सांसद इसका समर्थन नहीं करेंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बिहार जेडीयू अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने तत्काल तीन तलाक विधेयक की आलोचना करते हुए कहा कि इसे जल्‍दबाजी में लाया गया है.


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वशिष्‍ठ नारायण सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी को लगता है कि यह बिल जल्‍दबाजी में लाया गया है. इसे फिलहाल टाल कर इसे सोच-विचार कर लाया जाना चाहिए था.


सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू को तीन तलाक बिल में मौजूद सजा के प्रावधान पर आपत्ति है. तीन तलाक देने पर तीन साल की जेल हो सकती है. वहीं, पार्टी को ऐसा लगता है कि बिल के बारे में मुस्लिम समुदाय के लोगों से बात की जानी चाहिए थी.


ज्ञात हो कि हाल ही में तीन तलाक विधेयक लोकसभा में बहुमत के साथ पारित हो गया. लोकसभा से पास होने के बाद बिल को राज्यसभा से पास कराना भी जरूरी है. तभी जाकर इसे हस्ताक्षर के लिए राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जा सकता है. फिलहाल बीजेपी राज्यसभा में अलपमत में है. बिल पास करने के लिए सहयोगियों की मदद के साथ-साथ विपक्ष के कुछ दलों की मदद की आवश्यक्ता है. ऐसी परिस्थिति में जेडीयू का यह स्टैंड बीजेपी के लिए राहत देने वाली नहीं है.