रांची: झारखंड विधानसभा में लगभग 2 दर्जन ऐसे विधायक हैं जिन्होंने नई गाड़ी खरीदने के लिए आवेदन दिया है पर उनका लोन विधानसभा से स्वीकृत नहीं हो रहा है. पहली बार चुन कर आये विधायक की माने तो गाड़ी का लोन स्वीकृत नहीं होने से उन्हें दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें अपने साथी की गाड़ी का सहारा लेना पड़ रहा है.


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नई गाड़ियों की खरीद के लिए 23 विधायकों ने विधानसभा को पत्र भी लिखा है. सत्ता पक्ष के 14 और विपक्ष के सात विधायकों ने नई गाड़ी के लिए विधानसभा को अपना आवेदन दिया है. पहली बार चुन कर आए सत्ता पक्ष के विधायक राजेश कच्छप बताते हैं, हमने गाड़ी के लिए लोन अप्लाई किया था. फिलहाल मैं अपने साथी की गाड़ी पर चलता हूं. हमलोग परेशान हैं लेकिन अपनी परेशानी किनको बताएं. राजेश कच्छप ने बताया कि इस परिस्थिति में कहां से पैसे लाएं. वित्त मंत्री और स्पीकर साहब को भी अपना दुखड़ा बताया. अगर स्वीकृत हो जाता तो राहत होती. 


वहीं, तो विपक्ष के विधायक नवीन जायसवाल ने कहा है कि विधायक गाड़ी खरीदने के लिए सरकार से कोई अनुदान नहीं मांग रहे हैं, जो नए विधायक चुन कर आते हैं उन्हें विधानसभा से लोन मिलता है और ये उनके वेतन से कटता है. बस इतनी सुविधा है कि लोन बैंक के बजाय विधानसभा से ले सकते हैं और गाड़ी खरीद सकते हैं. कई ऐसे विधायक है जो पहली बार जीत कर आए हैं और उनके पास अपनी गाड़ी नहीं है.


इस मामले पर कृषि मंत्री बादल ने भी कहा इस तरह की समस्या आ रही है. ये जरूरी है. विधायक की चिंता जायज है. विधायकों को गाड़ी की आवश्यकता है. सरकार इस पर संवेदनशील है. नए-नए विधायक जीत कर आए हैं. सिस्टम को बनाए रखने के लिए कुछ चीजों की आवश्यकता होती है. वित्तीय संकट राज्य पर है लेकिन विधायको की जरूरी आवश्यकता है. वित्त मंत्री और मुख्यमंन्त्री से इसकी चर्चा करेगें.