Ranchi: झारखंड में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बेलगाम हो चुकी है. हर नए दिन के साथ कोरोना रिकार्ड बनाता जा रहा है. वहीं, बढ़ते कोरोना के केस का असर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर भी दिख रहा है. लगातार बढ़ रहे मरीजों की संख्या के आगे बेड कम पड़ रहे हैं. हालांकि, राज्य सरकार ने निजी क्लीनिक में 50% कोरोना संक्रमित मरीजों को इलाज करने का आदेश जरूर जारी कर दिया है लेकिन हकीकत इसके बिल्कूल अलग है. इसकी बानगी तब देखने को मिली, जब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री निरीक्षण करने पहुंचे. यहां, सवास्थ्य मंत्री के सामने ही एक कोरोना मरीज के मौत के बाद उसके परिजनों ने हंगामा किया.


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जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्री निरीक्षण के दौरान ही हजारीबाग से आए कोरोना संक्रमित पवन गुप्ता के परिजन उनके सामने ही अपनी नाराजगी व्यक्त की. मरीज के परिजन चिल्ला-चिल्ला कर ये कहते हुए नजर आए कि 1 घंटों से हम सभी यहां अपने परिजन को लेकर परेशान हैं. लेकिन कोई इन्हें छुआ तक नहीं, ऐसे में अब इनकी जान चली गई है तो क्या यहां का स्वास्थ्य सिस्टम मेरे पिताजी का जिंदगी वापस लौट आ सकता है. परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा भी किया. ऐसे में स्वास्थ्य मंत्री ने उन्हें समझाने की भी कोशिश की. वहीं सुबह से ही बेड के इंतजार में रांची के एक मरीज को स्वास्थ्य मंत्री ने खुद घंटों मशक्कत के बाद बेड उपबलब्ध करवाया.


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इधर,  इससे पहले लगातार बेड की कमी की शिकायत मिलने के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री आज मंगलवार सदर अस्पताल पहुंचे. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता सदर अस्पताल के कोविड-19 पीपीटी किट पहनकर निरीक्षण किया. उन्होंने बेड की स्थिति के साथ-साथ स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया. हालंकि, स्वास्थ्य मंत्री हॉस्पिटल प्रशासन की व्यवस्था देखकर काफी नाराज दिखे. स्वास्थ्य मंत्री सदर अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद रांची के सिविल सर्जन रांची के उपायुक्त और एसडीओ (SDO) को कई आवश्यक दिशा निर्देश दिया.


वहीं, लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस मरीजों की संख्या का असर अब हॉस्पिटल परिसर में देखने को मिल रहा है. लोग बेड की तलाश में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक भटक रहे हैं. इधर, रांची के सदर हॉस्पिटल में सबसे खराब स्थिति देखने को मिल रहा है. यहां, लोगों को सुबह से इंतजार में बाहर ही खड़ा रहना पड़ रहा है. कोई मरीज 3 से 4 घंटे से अपने कार्य में परिजन के साथ परेशान हो रहे हैं, तो कोई व्हीलचेयर पर इंतजार कर रहा हैं. हालात इतने खराब हो चला है कि कोई स्ट्रेचर पर इंतजार कर रहा है तो कोई एंबुलेंस में इंतजार कर रहा है, वहीं, कुछ लोग व्हीलचेयर और ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर भी घूम रहे हैं. मरीज अपनी-अपनी व्यवस्था से इन सामानों को लेकर भी अपने मरीजों के साथ सदर अस्पताल का चक्कर लगा रहे हैं.