Ranchi: दामोदर वैली कॉर्पोरेशन (DVC) के बाद अब नेशनल थर्मल पॉवर कॉर्पोरेशन (NTPC) ने झारखंड सरकार को 122 करोड़ रुपये के बकाया को लेकर नोटिस दिया है. जिसमें कहा गया है कि यदि भुगतान नहीं किया गया तो बिजली आपूर्ति में कटौती की जाएगी. 


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NTPC की बिजली कटौती की धमकी के बाद एक बार फिर झारखंड में बिजली संकट के आसार दिखने लगे हैं और फिर बकाया बिजली बिल का मुद्दा गरमा गया है. हालांकी नोटिस के बाद जेबीवीएनएल ने एनटीपीसी को भुगतान की कवायद शुरू कर दी है.


गरमाया बकाया बिजली बिल का मुद्दा


NTPC के नोटिस के बाद झारखंड में सियासत भी तेज हो गयी है. सत्ताधारी दल ने इसे केंद्र सरकार की साजिश बताया है. राज्य सरकार के मंत्रियों का कहना है कि नोटिस केन्द्र के इशारे पर ही भेजा गया है. झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि 'केंद्र सरकार की सीधी नीति है जिस राज्य में उनकी सरकारें नहीं हैं, उन राज्यों में सौतेला व्यवहार करते हैं और केंद्र का जो अंशदान होता है, वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन में 5 से 6 महीने विलंब से आता है इसलिए हमारी सरकार ने रिवाल्विंग फंड की व्यवस्था की है. बिजली के मामले में भी हमलोग आत्मनिर्भर होंगे और हमारी निर्भरता आने वाले समय में केंद्र के उपकरणों पर नहीं रहेगी'. 


झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि DVC के जो भी डैम इलाके हैं, वहां हमारे कई हजार गांव उजड़ गए हैं' उन्होनें कहा कि हमारी जमीन और हमारा संसाधन है फिर भी हमें ही धमकाया जा रहा है. मजबूर होकर हम लोग को पुनर्विचार करना होगा. 


'इस्तेमाल किया है तो बकाए का भुगतान तो करना ही होगा'


इस मामले को लेकर BJP  का कहना है कि बिजली का इस्तेमाल किया है तो बकाए का भुगतान तो करना ही होगा. बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा कि एनटीपीसी, डीवीसी का बिजली जलाते हैं तो पैसा तो देना होगा. झारखंड सरकार के जो भी कंज्यूमर हैं अगर बिजली उपभोग कर रहा है तो उसे पैसे देने होंगे.चाहे वह आम उपभोक्ता हो या राज्य की सरकार.उन्होंने सत्तापक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि 'DVC और NTPC भारत सरकार की इकाई हैं, लेकिन भारत सरकार डायरेक्ट उन पर नियंत्रण नहीं रखती है, वह कंपनी बिजली पैदा करती है तो उसे कोयले के पैसे चुकाने पड़ते हैं, ऐसे में बकाया को लेकर NTPC बिजली काटती है तो बदले की कार्रवाई कहना गलत है.'


DVC पहले से ही बकाया भुगतान को लेकर कर रहा कटौती
  
झारखंड को एनटीपीसी प्रतिदिन 800 मेगावाट बिजली आपूर्ति करता है. ऐसे में NTPC की ओर से कटौती होने पर राज्य में बिजली संकट गहरा सकता है. क्योंकि अपने कमांड एरिया में डीवीसी पहले से ही बकाया भुगतान को लेकर कटौती कर रहा है.  


(इनपुट-मनीष सिन्हा)