रांची: Javelin coach: मारिया गोरती खलखो ने अपनी मार्गदर्शन में देश को कई जैवलिन थ्रोअर देश को दिए हैं. करीब 30 साल तक वो लातेहार के महुआटांड में जैवलिन थ्रोअर की कोच रहीं. 2018 तक इस क्षेत्र में उन्होंने कई खिलाड़ियों को कोचिंग दिया. लेकिन इस खेल से दूरी बनाने के बाद मारिया अर्श से फर्श पर आ गई. मारिया गोरती खलखो को अविभाजित बिहार के समय जैवलिन थ्रोअर कोच पद पर नियुक्त किया गया था. लेकिन आज मारिया टीबी जैसी बीमारी से जूझ रही है. उनके पास इलाज कराने के लिए पैसा नहीं है. 


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रांची में रहती है मारिया 
मारिया गोरती वर्तमान में रांची के नामकुम में आरा गेट की सीरी बस्ती में अपनी बहन के साथ रहती है. मारिया मूल रुप से गूमला जिले के चैनपुर की रहने वाली है. सत्तर के दशक में उन्होंने कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. इस प्रतियोगिता में उन्होंने देश के लिए कई मेडल जीते. 


1974 में पहला स्वर्ण  पदक जीता था मारिया
मारिया पहली बार राष्ट्रीय स्तर की जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था.  आगे मारिया ने अखिल भारतीय ग्रामीण शिखर सम्मेलन भाला फेंक प्रतियोगिता में भी स्वर्ण पदक अपने नाम किया. 1975 में मणिपुर में आयोजित नेशनल स्कूल गेम्स में उन्होंने फिर से स्वर्ण पदक जीता था. जालंधर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय भाला फेंक प्रतियोगिता में भी उन्होंने अपना परचम लहराया और स्वर्ण पदक पर अपना कब्जा जमाया. सत्तर से अस्सी के दशक में उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में अपनी विजयगाथा लिखी.


पेंशन से वंचित हैं, मारिया
मारिया को कॉन्ट्रैक्ट के तौर अविभाजित बिहार के समय ही नियुक्त किया गया था. लेकिन 2000 में झारखंड राज्य बनने के बाद उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया. यहां तक की उन्हें पेंशन जैसी योजना से वंचित गया. जबकि झारखंड सरकार के खेल नीति के अनुसार राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को पेंशन देने का प्रावधान है. 


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जानें जैवलिन थ्रो के बारे में 
बता दें टोक्यो ओलिंपिक में नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में ही स्वर्ण पद जीता था और मारिया को इसी खेल में महारत हासिल थी. जैवलिन थ्रो यानी भाला फेंक एक ओलिंपिक खेल है. यह एक आउटडोर खेल है. इसमें पुरुषों के भाला का वजन अधिकतम 800 ग्राम होती है. जबकि लंबाई 2.6 मीटर से 2.7 मीटर के बीच होती है. वहीं महिलाओं के भाला का वजन कम से कम 600 ग्राम और इसकी लंबाई 2.2 मीटर से 2.3 मीटर के बीच होती है.