Koderma: क्रिकेट-फुटबॉल की बढ़ती लोकप्रियता के बीच देसी खेल के रूप में ख्याति प्राप्त हासिल कर चुके कुश्ती को लेकर कोडरमा में व्यापक तैयारी की जा रही है. जिले में कुश्ती प्रशिक्षण को लेकर नया आयाम दिया जा रहा है, जिसमें न सिर्फ लड़के बल्कि लड़कियां भी प्रशिक्षण हासिल कर रही है.ओलंपिक खेलों में कुश्ती के शानदार प्रर्दशन के बाद कोडरमा जिले में जिला कुश्ती संघ की ओर से वास्तविक अखाड़े में कुश्ती को ट्रेंनिग हो रही है.


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सबको मिल रही है ट्रेनिंग


जिला कुश्ती प्रशिक्षण केंद्र में चार बैच में बच्चों को ट्रेंनिग दी जा रही है. तीन बैच में लड़के और एक बैच में लड़कियां को ट्रेनिंग दी जा रही है. ट्रेंनिग में सभी को कुश्ती के हर दांव पेंच से रूबरू कराया जा रहा है. कुश्ती सीखने वाले तमाम बच्चों का सिर्फ एक ही टारगेट है कि उन्हें ओलंपिक में देश के लिए पदक लाना है.


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लोग दिखा रहे है रुचि


इस मौके पर मौजूद खिलाड़ी मितल कुमार और खूबलाल यादव ने कहा की 2015 में जब कोडरमा जिले में नेशनल कुश्ती की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है और युवाओं में इसके लिए काफी रुचि देखी जा रही है. हालांकि आज से पहले साधन नहीं होने के कारण खिलाड़ी प्रशिक्षण नहीं पा रहे थे.  लेकिन, अब उनके पास अखाड़ा, मैट और तमाम वो साधन है जिसके जरिए कुश्ती में अच्छा कर सकते हैं. 


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संघ के कोच आकाश सेठ ने बताया कि जो भी बच्चे ट्रेंनिग हासिल कर रहे हैं. उन्हें कुश्ती के हर दांव सिखाए जा रहे है. क्रिकेट और फुटबॉल के साथ अब कबड्डी और कुश्ती जैसे देसी खेलों की भी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है.


(इनपुट- गजेंद्र कुमार)