बिहार में इस जगह बिना दवाई के होता है बीमारी का इलाज, केवल...
कटिहार में एक ऐसा धाम लग रहा है, जहां प्रार्थना के माध्यम से हर बीमारी के इलाज का दावा किया जा रहा है. इस धाम में हर दिन भारी संख्या में लोग बिहार के कई जिलों के साथ साथ बंगाल, नेपाल और झारखंड से यहां पहुंच रहे हैं.
यहां बीमारी के इलाज के लिए पहुंच रहे लोग
कटिहार के मनिहारी प्रखंड के मुजबरटाल पोस्ट ऑफिस के निकट अम्बाडी गांव मे इस धाम को चल रहा है. विजय बासु कहते है कि वो इस धाम को 2007 से चला रहे है और यहां बिहार के मधेपुरा, सहरसा, किशनगंज, बेगुसराय, भागलपुर समेत बंगाल और झारखंड के साथ साथ पड़ोसी देश नेपाल से भी लोग यहां बीमारी के इलाज के लिए पहुंच रहे है.
इलाज के लिए पहुंचे लोग भी काफी संतुष्ट दिखे
धाम के संचालक दावा कर रहे है कि वो बिना किसी दवाई के सिर्फ प्रार्थना के माध्यम से हर बीमारी का इलाज कर रहे है. वहीं, यहां इलाज के लिए पहुंचे लोग भी काफी संतुष्ट दिख रहे हैं.
आस्था पर अंधविश्वास भारी
आज देश जहां एक तरफ चांद के पहुंच चुका है. यहां आस्था और अंधविश्वास का खेल चल रहा है. मनिहारी प्रखंड में 2007 से चल रहे इस धाम में प्रार्थना के माध्यम से इलाज का दावा कर रहे विजय बासु के धाम में 500 से अधिक लोग हर दिन पहुंच रहे हैं.
एक घंटे से अधिक समय तक प्रार्थना
इस धाम में करीब एक घंटे से अधिक समय तक प्रार्थना की जाती है और इस प्रार्थना में प्रभु यीशु मसीह को याद किया जाता है. धाम में बड़ी संख्या में आये पुरुष, महिला हाथ ऊपर कर खड़े हो जाते है और झूमने लगते है.
पीठ में दर्द को शिकायत
भागलपुर जिले से आये राम शरण यादव कहते है कि उन्हें पीठ में दर्द को शिकायत थी. कई डॉक्टर को दिखाया नहीं, ठीक होने पर वो यहां आए है.
धाम से मरीज ठीक हुए
धाम में पूर्णिया जिले से पहुंचे अमीरुल कहते है कि उनके मरीज को सुनने और बोलने की परेशानी थी. यहां 6 सप्ताह तक लगातार आना पड़ा. जहां आने के बाद सुनने और बोलने की परेशानी दूर हुई है.
धाम से सैकड़ों की संख्या में लोग ठीक होकर गए
इस धाम को चला रहे संचालक विजय बासु कहते है कि उनके धाम से सैकड़ों की संख्या में लोग ठीक होकर गए है और हर मर्ज का इलाज प्रार्थना के माध्यम से की जाती है. कोई दवाई नहीं दी जाती है वो कैंसर, बुखार जैसी गंभीर बीमारी के इलाज का भी दावा कर रहे है.
आस्था से जुड़ा हुआ है और कुछ भी नहीं है
वहीं, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से माने तो डॉक्टर अशोक राय कहते मौखिक कहते है कि विज्ञान ऐसी चीजों को नही मानता है, क्योंकि विज्ञान वहां तक अभी तक नहीं पहुंचा है सिर्फ आस्था से जुड़ा हुआ है और कुछ भी नहीं है. होमियोपैथी चिकित्सा में एक अध्याय यह भी लिखी हुई है.