Kosi River: जहां विश्वामित्र को मिला महर्षि का दर्जा, वही बिहार के लिए बनी शोक

भारत की नदियों में बिहार की एक प्रमुख नदी है, जो हर साल सुर्खियों में रहती है. हम बात कर रहे हैं कोसी नदी की. इस नदी को बिहार की शोक कहा जाता है. कोसी नदी गंगा की एक प्रमुख सहायक नदियों में से एक है. यह नेपाल में हिमालय से निकलती है और बिहार में भीम नगर के रास्ते भारत में आती है.

शैलेंद्र Mon, 30 Sep 2024-7:09 am,
1/5

हर चर्चा में रहती है कोसी नदी

भारत की नदियों में बिहार की एक प्रमुख नदी है, जो हर साल सुर्खियों में रहती है. हम बात कर रहे हैं कोसी नदी की, क्योंकि हर साल इसके पानी से लाखों लोग बर्बाद हो जाते हैं. जब यह नदी अपने पूरे उफान पर होती है, तो आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ आती है और लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ता है.

2/5

बिहार में भीम नगर के रास्ते भारत में आती है कोसी नदी

इस नदी को बिहार की शोक कहा जाता है. कोसी नदी गंगा की एक प्रमुख सहायक नदियों में से एक है. यह नेपाल में हिमालय से निकलती है और बिहार में भीम नगर के रास्ते भारत में आती है. 

3/5

कटिहार में कोसी नदी गंगा में मिलती है

बिहार के कटिहार में कोसी नदी गंगा में मिलती है. 720 किलोमीटर की लंबाई वाली कोसी सुपौल, पूर्णिया, कटिहार और अन्य जिलों से होकर बहती है.

 

4/5

कोसी नदी को कौशिकी नाम से जाना जाता है (Photo AI)

मानसून के वक्त में कोसी की धारा इतनी तेज होती है कि लाखों घर उजड़ जाते हैं. हिंदू ग्रंथ में कोसी नदी को कौशिकी नाम से जाना जाता है. 

5/5

विश्वामित्र को ऋषि का दर्जा मिला था (Photo AI)

कोसी नदी के किनारे ही महर्षि विश्वामित्र को ऋषि का दर्जा मिला था. कोसी नदी पर करीब 1958-62 के बीच एक बांध बनाया गया था, जो भारत-नेपाल बॉर्डर पर स्थित है.

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link