पटना: बीजेपी के निष्कासित सांसद कीर्ति आजाद ने आज विधिवत तौर भी कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कराई  लेकिन दिलचस्प बात ये है कि कितनी झा आज़ाद के लिए दरभंगा में सीट पाना बहुत मुश्किल साबित होता नजर आ रहा है क्योंकि दरभंगा से आरजेडी के पूर्व सांसद अली अशरफ फातमी भी टिकट के प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं.


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दूसरी तरफ महागठबंधन में शामिल हुई वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सैनी ने भी दरभंगा सीट से ही अपना दावा ठोका है. इसलिए ये कहना बिलकुल लाजमी है कीर्ति आजाद के लिए अभी डगर आसान नजर नहीं आती है क्योंकि महागठबंधन में दरभंगा किस सीट को लेकर कई दावेदारों ने अपनी दावेदारी ठोक दी है.


 



आजाद लगभग 2 साल से बीजेपी से निष्कासित हैं. लगातार वो बीजेपी के खिलाफ बयानबाजी करते नजर आए हैं. तीन बार सांसद वो बीजेपी के टिकट पर ही बने लेकिन उससे पहले एक बार विधायक भी वो बीजेपी की टिकट से ही दिल्ली से चुने गए थे. बीजेपी से उनका रिश्ता वर्षों पुराना रहा है. कीर्ति आज़ाद एक राजनीतिक परिवार से संबंध रखने वाले व्यक्ति रहे हैं. उनके पिता भागवत झा आजाद बिहार के मुख्यमंत्री भी रहे हैं और कांग्रेसी रहे हैं. 


लेकिन कांग्रेस छोड़ बीजेपी की विचारधारा से प्रभावित होकर नतीजा आजाद ने क्रिकेट के बाद जब राजनीति में कदम रखा तो उन्होंने सीधे बीजेपी का दामन थामा और बीजेपी से ही पहले विधायक चुने गए और बाद में उन्हें बिहार भेजा गया जहां वो दरभंगा से तीन बार सांसद रहे हैं. 


2014 के बाद वो वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ उन्होंने बगावत का बिगुल छेड़ दिया. सीधे तौर पर उन्होंने दिल्ली क्रिकेट एसोसिएशन में घोटाले के लिए अरुण जेटली को जिम्मेदार बता दिया और प्रधानमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग भी करने लगे. 


इससे पार्टी को बहुत असहजता महसूस हुई जिसके बाद पार्टी द्वारा उन्हें बार-बार समझाने के बावजूद उनका रवैया विरोधी नेता की तौर पर नजर आने लगा क्योंकि बार बार कीर्ति कहते थे कि मैं क्रिकेटर हूं और सबसे पहले अपना खिलाड़ी का धर्म पूरा कर रहा हूं. जिसकी वजह से वो डीडीसीए में हुए घोटाले की जांच की मांग करने लगे और सीधे तौर पर अरुण जेटली को जिम्मेदार ठहराने लगे हैं. 


बार-बार समझाने के बावजूद नहीं मानने पर बीजेपी ने उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. लेकिन लगातार दो सालों तक उन्हें कोई नई पार्टी नहीं ज्वाइन की. लेकिन कुछ दिनों पहले कीर्ति आजाद ने सीधे राहुल गांधी और सोनिया गांधी से मिलकर कांग्रेस में शामिल होने की बात कही जिसे राहुल गांधी ने तुरंत स्वीकार कर लिया.


आज कीर्ति आजाद ने राहुल गांधी के निवास 12 तुगलक लेन पहुंचे जहां पहले से ही कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोयल कांग्रेस के कैंपेन कमिटी के चेयरमैन अखिलेश सिंह कांग्रेस पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा कांग्रेस पार्टी के बिहार विधायक दल के नेता सदानंद सिंह मौजूद थे. सभी की मौजूदगी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कराई. कीर्ति आजाद ने जी मीडिया से बात करते हुए साफ तौर पर कहा था कि वो अपनी घर वापसी कर रहे हैं.