Bihar Politics: बिहार में विधानसभा चुनाव में भले ही अभी एक साल से अधिक का समय है, लेकिन राजनैतिक दलों की तरफ तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है. नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की ओर से मुस्लिम वोटबैंक को वापस हासिल करने की रणनीति पर काम शुरू हो चुका है. पार्टी का इस बार पूरा फोकस सीमांचल पर है. पिछले चुनाव में यहां असदुद्दीन ओवैसी ने धमाकेदार एंट्री मारी थी, जिससे राजद को काफी नुकसान हुआ था. अब जेडीयू यहां अपने लिए अवसर तलाशने की कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में यहां कांग्रेस पार्टी को तगड़ा झटका लग सकता है. जानकारी के अनुसार, कद्दावर कांग्रेस नेता तौसीफ आलम जेडीयू का दामन थाम सकते हैं. मंत्री जमा खान की उनसे मुलाकात के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है.


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पूर्व कांग्रेस विधायक तौसीफ आलम ने अपने आवास पर भोज का आयोजन किया था. इसमें बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री और सह जिला प्रभारी जमा खान के पहुंचने से चर्चाओं का बाजार गरम हो गया. इस दौरान जमा खान और तौसीफ आलम में काफी गर्मजोशी से मुलाकात हुई और घंटो तक बंद कमरे में दोनों नेताओ के बीच बातचीत हुई. इस कार्यक्रम में जिला परिषद के चेयरमैन रुकैया बेगम सहित दर्जनों जिला परिषद सदस्य भी मौजूद थीं. कहा जा रहा है कि तौसीफ आलम निकट भविष्य में कांग्रेस से किनारा करके जेडीयू में शामिल हो सकते हैं. वैसे भी तौसीफ के स्थानीय कांग्रेस सांसद डॉ. जावेद आजाद के साथ रिश्ते सही नहीं हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के समक्ष सांसद डॉ. जावेद आजाद की शिकायत की थी.


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बता दें कि तौसीफ आलम लगातार चार बार बहादुरगंज विधान सभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं और उनकी नजदीकिया मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी रही है. बीते विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम नेता अंजार नईमी ने उन्हें हरा दिया था. वहीं, अंजार नईमी अब राजद में शामिल हो चुके हैं. महागठबंधन की ओर से इस सीट पर अब राजद की दावेदारी होगी. जिससे तौसीफ आलम को टिकट मिलना मुश्किल लगता है. वहीं मंत्री जमा खान जिससे मेलजोल बढ़ाते हैं, उसे अपनी पार्टी में ले ही आते हैं. इससे पहले वह चेनारी से कांग्रेस विधायक मुरारी प्रसाद गौतम को अपनी तरफ ला चुके हैं.