किशनगंज: लोकसभा चुनाव के दौरान शह और मात खेल शुरू हो चुका है. एक पार्टी एक दूसरे को तोड़ जोड़ में लगें हुए है इसी कड़ी में किशनगंज के कांग्रेस प्रत्याशी AIMIM को सीमांचल में कमजोड़ करने में लगे हुए है. AIMIM पार्टी के ठाकुरगंज विधानसभा प्रत्याशी महबूब आलम को कांग्रेस पार्टी में शामिल कर AIMIM को जबरदस्त झटका दिया है. महबूब आलम को AIMIM ने 2020 के विधानसभा चुनाव में ठाकुरगंज विधानसभा से अपना उम्मीदवार बनाया था. महबूब आलम लगभग 19 हजार वोट लाकर चौथा स्थान प्राप्त किया था.


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वहीं महबूब आलम ने AIMIM को छोड़ने के पीछे बताया कि AIMIM सिर्फ एक ही धर्म विशेष की पार्टी है. एक ही समुदाय को लेकर चुनाव लड़ती है जो गलत है. उन्होंने कहा कि हमारे देश को अंग्रेजों के चंगुल से आज़ाद कराने में सभी धर्मों के लोगों ने अपनी प्राण की आहुति दी थी. उन्होंने कहा कि ठाकुरगंज विधान सभा से मुझे AIMIM के नेता टिकट देने के बाद सौतेला व्यवहार किया. मेरे विधानसभा में AIMIM पार्टी के तरफ से कोई नेता न तो चुनाव प्रचार किया और ना ही साथ दिया. वही कांग्रेस के विधायक इजहारुल हुसैन ने कहा कि महागठबंधन में शामिल दलों को सेकुलर पार्टी बताते हुए, कहा कि देश की जनता परिवर्तन चाहते है और राहुल गांधी को देश के प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते है.


इसके अलावा बता दें कि कांग्रेस प्रत्याशी मुहम्मद जावेद ने कहा कि हम लोग सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए राजनीति नहीं करते वल्कि समाज का काम करना हमलोगों का फर्ज रहा है. विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, मेरे हर चुनावी कार्यक्रम में विपक्ष के दो लोग रहते है. एक मोबाइल से सोशल मीडिया में लाइव करते है तो दूसरा बरगलाते है कि कांग्रेस के प्रत्याशी को खदेड़ा जा रहा है. जावेद ने कहा कि हम लोग राहुल गांधी को मानने वाले है. हम लोग वोट नफरत फैलाकर नहीं बल्कि मोहब्बत से मांगेंगे.


इनपुट- अमित कुमार


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