Patna: नीतीश कुमार देश की राजनीति में सियासत के अलावा एक समाज सुधारक के तौर पर भी जाने जाते हैं. जिस समय सियासी फैसले वोटों को गुणा-गणित को देखकर लिए जाते हों, उस दौर में भी नीतीश कुमार समाज में व्याप्त बुराई को हटाने के लिए कड़े फैसले लेने से गुरेज नहीं करते.


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नीतीश कुमार (Nitish Kumar Birthday) ने पहले त्रिस्तरीय पंचायत समिति में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया. ऐसा करनेवाला बिहार देश का पहला राज्य था. माना जाता है कि इस एक फैसले ने बिहार में स्त्रियों के अधिकार में मील के पत्थर का काम किया. इसके बाद लड़कियों के लिए साइकिल योजना ने भी सामाजिक मान्यताओं के बरक्स लड़कियों के अधिकार को मजबूती दी. इसके अलावा एक समाज सुधारक के तौर पर नीतीश कुमार का जो सबसे बड़ा फैसला था, वो था शराबबंदी कानून को बिहार में लागू करना.



महिला की मांग पर नीतीश ने भरी हामी 
दरअसल, 2015 चुनाव से पहले नीतीश कुमार पटना के एसकेएम हॉल में जीविका दीदीयों के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान एक महिला ने शराबबंदी की मांग उठाई. नीतीश कुमार ने तुरंत मांग स्वीकार कर ली. इसके बाद 2015 चुनाव में पार्टी के घोषणापत्र 7 निश्चय में पूर्ण शराबबंदी का वादा किया और सरकार गठन होते ही पूरे बिहार में शराबबंदी लागू कर दी गई.


शराब को किया बैन
शराबबंदी के बाद बिहार में कई बदलाव हुए. अपराध में कमी आई, शराब पीकर होने वाली दुर्घटनाओं पर ब्रेक लगा तो अवैध शराब पीकर घर-गृहस्थी बर्बाद करनेवालों पर भी रोक लगी. लोगों की सेहत में भी सुधार हुआ. शराबबंदी के फैसले को सफल बनाने के लिए बिहार में दुनिया की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला (Human Chain) भी बनाई गई.



बाल विवाह और दहेज प्रथा रोकने का उठाया बीड़ा
वहीं, शराबबंदी के बाद नीतीश कुमार ने बाल विवाह और दहेज प्रथा रोकने का बीड़ा उठाया. इसे लेकर भी नीतीश कुमार ने कानूनों में बदलाव किया. साथ ही प्रदेश वासियों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया. नीतीश कुमार प्रदेश के मुखिया होने के नाते ये अच्छी तरह से जानते थे कि दहेज और बाल-विवाह जैसी कुप्रथाएं पीढ़ियों से चली आ रही हैं. इसे किसी भी सूरत में रोकना होगा. मुख्यमंत्री ने दहेजप्रथा और बाल विवाह रोकने के लिए भी बिहार में दुनिया की बड़ी मानव श्रृंखला बनाई.


दरअसल, नीतीश कुमार की सियासी दीक्षा समाजवादी आंगन में हुई है. उनके दृढ़ विचार हैं कि बिना समाज सुधार किए सियासत को नहीं बदला जा सकता और इसी लीक पर नीतीश कुमार लगातार चल रहे हैं.