Bihar Politics: पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को अब बिहार के सीएम नीतीश कुमार का भी समर्थन मिल चुका है. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में 'वन नेशन-वन इलेक्शन' शामिल है. अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने भी सशर्त इसका समर्थन किया है. जेडीयू का कहना है कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होने चाहिए, लेकिन स्थानीय निकाय चुनावों के साथ नहीं. मतलब लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराए जाने चाहिए लेकिन स्थानीय निकाय चुनावों को इसके साथ नहीं कराया जाना चाहिए.


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नीतीश कुमार की पार्टी ने जब से 'वन नेशन-वन इलेक्शन' को अपना समर्थन दिया है, तभी से प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि कहीं नीतीश कुमार इस बार लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव भी ना करा दें. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि नीतीश कुमार को विधानसभा चुनाव की हड़बड़ी इसलिए है कि कम विधायकों के कारण कभी भी उनकी कुर्सी खतरे में पड़ सकती है. वह तो चाहते हैं कि बिहार में मध्यावधि चुनाव हो जाएं, लेकिन बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं है. बीजेपी का मानना है कि लोकसभा के साथ विधानसभा का चुनाव कराने पर मतदाताओं का मिजाज इधर-उधर हो सकता है. नीतीश कुमार की एंटी इनकंबेंसी का खामियाजा लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी को उठाना पड़ सकता है. 


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बता दें कि शनिवार (17 फरवरी) को दिल्ली में जदयू संसदीय दल के नेता, ललन सिंह, संजय झा और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति से मुलाकात कर 'वन नेशन वन इलेक्शन' के संदर्भ में जनता दल यूनाइटेड ने आधिकारिक ज्ञापन सौंपा. जिसमें जेडीयू ने कहा कि एक साथ चुनाव से बार-बार होने वाले चुनावों से जुड़ा वित्तीय बोझ कम हो जाएगा. उसने कहा कि चुनाव प्रचार में लगने वाले समय को बचाकर नेता शासन, नीति निर्धारण और दीर्घकालिक मुद्दों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकते हैं. इससे सुशासन की संरचना को मजबूत किया जा सकता है.