Nitish Govt: बिहार में नई सरकार के गठन के साथ नीतीश कुमार नौवीं बार मुख्यमंत्री बन गए. सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को बिहार का उपमुख्यमंत्री बनने का मौका मिला. लेकिन, इस शपथ ग्रहण समारोह में एक ऐसा नेता भी नीतीश के कैबिनेट में शामिल हुआ जो उनका बेहद करीबी माना जाता है. नीतीश की NDA और महागठबंधन दोनों के साथ सरकार चलाने के दौरान वह मंत्री रहे और इस बार फिर से उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया है. सबसे अजीब बात कि वह नेता जेडीयू से नहीं है ना ही भाजपा से वह एक एक निर्दलीय विधायक है. हम बात कर रहे हैं सुमीत कुमार सिंह की जो नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं. इससे पहले वह दो बार नीतीश सरकार में मंत्री रह चुके हैं. 


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सुमीत कुमार सिंह ने जदयू के साथ ही अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और फिर कुछ ऐसा हुआ कि उन्हें अपनी पार्टी के खिलाफ ही बगावत करना पड़ा. इसका नतीजा यह हुआ कि वह निर्दलीय मैदान में उतरे और चुनाव हार गए. इसके बाद भी उन्होंन संघर्ष नहीं छोड़ा और दूसरी बार फिर निर्दलीय ही चुनाव लड़ा और जीत हासिल की और इसके बाद वह नीतीश चाहे एनडीए के साथ रहे या फिर महागठबंधन के साथ उनकी सरकार के कैबिनेट में शामिल किए जाते रहे. 


सुमीत कुमार सिंह बिहार के इकलौते निर्दलीय विधायक हैं. वह नीतीश के विश्वसनीय नेताओं में से एक हैं. जमुई जिले के चकाई विधानसभा से जीतकर वह विधानसभा तक पहुंचते हैं. बता दें कि उनके पिता दिवंगत नरेंद्र सिंह कद्दावर नेताओं में से थे और वह जदयू के साथ ही राजनीति करते रहे. उनके दादा श्री कृष्ण सिंह भी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों से लड़े और बिहार में दो बार विधायक भी रहे. ऐसे में राजनीति उनको विरासत में मिली. 


2015 का साल था जब जदयू ने उन्हें टिकट नहीं दिया. फिर क्या था सुमीत बगावत पर उतर आए और जमुई की चकाई विधानसभा सीट से निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतर गए उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2020 में निर्दलीय ही उन्होंने एक बार फिर इसी सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. नीतीश ने तब सरकार गठन के समय उन्हें कैबिनेट में जगह दी. फिर 2022 में जब नीतीश महागठबंधन के साथ गए तो वहां भी सरकार के गठन के साथ नीतीश ने उन्हें कैबिनेट में स्थान दिया. अब जब नीतीश की वापसी एनडीए के साथ हुई है तो सुमीत सिंह एक बार फिर से कैबिनेट में शामिल किए गए हैं.