पटना: सारण संसदीय क्षेत्र से 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी की गिनती बिहार बीजेपी के बड़े नेताओं में होती है. सारण से लगातार तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरे राजीव प्रताप रूडी ने इस सीट पर 2014 में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को करीब 41 हजार वोटों से हराया था. बता दें कि सारण सीट को हमेशा से लालू यादव का गढ़ माना जाता है. इस बार राजीव प्रताप रूडी के सामने चुनावी मैदान में लालू की बेटी रोहिणी आचार्य है. ऐसे में इस सीट पर जबरदस्त मुकाबला देखने को मिल रहा है. बता दें कि बिहार की राजधानी पटना में जन्में राजीव प्रताप रूडी महज 28 साल के उम्र में ही पहली बार बिहार विधानसभा में विधायक चुनकर आए थे. उनकी गिनती सबसे कम उम्र के विधायकों में से एक के रूप में की जाती है.


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1996 में हुए आम चुनाव में राजीव प्रताप रूडी बीजेपी की टिकट पर पहली बार लोकसभा के लिए सांसद चुने गए थे. इसके बाद 1999 में एक बार फिर से वो सांसद चुने गए और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया. बाद में-उन्हें 2008 में बिहार से राज्यसभा के लिए सांसद चुना गया और 2014 के लोकसभा चुनाव में सारण लोकसभा सीट से संसद पहुंचे. 9 नवंबर 2014 को उन्हें मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया और मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर स्किल डेवलपमेंट एंटरप्रेन्योर मिनिस्टर (इंडिपेंडेंट चार्ज) उन्हें बनाया गया.


रूडी का जन्मट और पालन-पोषण पटना में हुआ. उनका पैतृक घर बिहार के सारण जिले के अमनौर में है. उनकी शिक्षा की अगर बात करें को उन्होंने अर्थशास्त्र ऑनर्स में ग्रेजुएशन करने के साथ साथ पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री ली है. इसके बाद मगध यूनिवर्सिटी से उन्हों्ने अर्थशास्त्र में पोस्टक ग्रेजुएशन भी किया है. इन सबके अलावा फ्लोरिडा, यूएसए से वह ए-320 टाइप रेटिंग वाले एक ट्रे‍न्डन कमर्शियल पायलट भी हैं. पायलट के रूप में उन्हें  पटियाला फ्लाइंग क्लब में शुरुआती फ्लाइंग एक्स पीरियंस और उनकी ट्रेनिंग हुई थी. यहां पर राष्ट्री य कैडेट कोर एयर विंग की तरफ से उन्हेंि चुना गया था. लिम्काग बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की मानें तो राजीव प्रताप रूडी इकलौते ऐसे राजनेता हैं जिनके पास फ्लाइंग का भी लाइसेंस है.


उन्होंॉने कई बार अलग-अलग मौकों पर भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान सुखोई 30-एमकेआई, राफेल फाइटर जेट और ग्रिपेन तक को उड़ाया है. इसके अलावा वो बिहार के यूनिवर्सिटी में इकोनॉमिक्सई टीचर के तौर पर भी काम कर चुके हैं और साथ ही पटना हाई कोर्ट में कानूनी सलाहकार के तौर पर भी उन्होंने कुछ दिन काम किया है.


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