Election Flash Back: बिहार चुनाव में पीएम मोदी के इन 3 शब्दों ने कैसे जीत में बदल दी थी हारी हुई बाजी?
Election Ke Kisse: बिहार चुनाव में पीएम मोदी की मुजफ्फरपुर रैली के बाद माहौल एकदम से बदल गया था और फिर रिजल्ट क्या आया था, ये आप खुद भी जानते हैं.
Election Ke Kisse: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) की तारीखों का ऐलान भले ही अभी ना हुआ हो, लेकिन बिहार में चुनावी गहमा-गहमी अपने पूरे शबाब पर पहुंच चुकी है. बिहार में विपक्षी गठबंधन में शामिल सबसे बड़े दल राजद की ओर से तेजस्वी यादव अपनी 'जन विश्वास यात्रा' निकाल रहे हैं, तो जवाब में बीजेपी भी अब पूरी तरह चुनावी मोड में आ गई है. बीजेपी ने भी अपने स्टार प्रचारकों की पूरी फौज उतार मैदान में उतार दी है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार (28 फरवरी) को धुआंधार प्रचार किया. अब खुद पीएम मोदी (PM Modi) मैदान में उतरने वाले हैं. 2024 के समर में कूदने से पहले पुराने चुनाव पर एक नजर डालनी बहुत जरूरी है. मोदी काल में बिहार में बीजेपी का प्रदर्शन लगातार ऊपर चढ़ा है. पिछले विधानसभा चुनाव में 67.27 फीसदी तो लोकसभा चुनाव में 100 फीसदी का कामयाबी रेट रहा था. 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में एक वक्त तो ऐसा आ गया था जब एनडीए पर महागठबंधन भारी पड़ चुका था और लालू परिवार तो तेजस्वी यादव की ताजपोशी के सपने देखने लगा था. लेकिन तभी पीएम मोदी मैदान में उतरे और पूरा गेम ही बदल डाला.
विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी के सिर्फ 3 शब्दों ने तेजस्वी को कुर्सी से दूर कर दिया था. वो शब्द थे- 'जंगलराज के युवराज'. बिहार चुनाव प्रचार के दौरान मुजफ्फरपुर रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने तेजस्वी को 'जंगलराज के युवराज' कहकर संबोधित किया था. पीएम मोदी ने लालू-राबड़ी के 15 वर्षं के शासनकाल को जंगलराज बताया था और तेजस्वी को उसका युवराज. पीएम मोदी ने लोगों से अपील की थी कि जंगलराज वालों के ट्रैक रिकॉर्ड को याद रखिएगा. ये वो लोग हैं जिनके राज में बिहार में अपराध इतना फला-फूला कि लोगों का जीना मुहाल हो गया था.
पीएम मोदी ने कहा था 'जंगलराज के युवराज से बिहार के लोगों को कई उम्मीद नहीं बची है, क्योंकि उनका पिछला रिकॉर्ड बहुत खराब रहा है.' उन्होंने कहा था, 'मैंने उनके ट्रैक रिकॉर्ड का मूल्यांकन किया है और उसी के आधार पर ये बातें कह रहा हूं. हालांकि, आपलोग मुझसे बेहतर जानते हैं.' तेजस्वी यादव के 10 लाख नौकरियों के वादे पर हमला करते हुए पीएम मोदी ने कहा था, 'अगर वो सरकार में आए तो सरकारी नौकरियों की बात तो भूल जाइए, यहां तक कि प्राइवेट नौकरियां देने वाली कंपनियां भी भाग जाएंगी. जिस पार्टी के पास किडनैपिंग का कॉपी राइट है, उसके संरक्षित लोग जबरन फोन कॉल कर रंगदारी मांगेंगे.' पीएम की इसी रैली के बाद माहौल एकदम से बदल गया था और फिर रिजल्ट क्या आया था, ये आप खुद भी जानते हैं.