Lok Sabha Election 2024: बीजेपी में शामिल हुईं हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन, आज ही छोड़ी थी JMM
Sita Soren Join BJP: बीजेपी में शामिल हुईं हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन, आज ही छोड़ी थी JMM
Sita Soren Join BJP: लोकसभा चुनाव से पहले झारखंड में शिबू सोरेन को अपने परिवार में बड़ी फूट का सामना करना पड़ा है. शिबू सोरेन की बड़ी बहू और हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने JMM का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है. बीजेपी ज्वाइन करते हुए सीता सोरेन ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की. सीता सोरेन ने कहा कि वह मोदी जी की सोच से प्रभावित होकर बीजेपी में शामिल हो रही हैं. उन्होंने कहा कि मेरे ससुर शिबू सोरेन और मेरे स्वर्गीय पति दुर्गा सोरेन ने झारखंड को अलग राज्य बनाने के लिए संघर्ष किया था. मेरे पति का सपना था कि झारखंड का विकास हो, लेकिन आज उनका सपना चकनाचूर हो रहा है. उन्होंने कहा कि अब मैं मोदी जी के परिवार में आ गई हूं. अब मोदी जी के नेतृत्व में अपने पति का सपना पूरा करूंगा.
सीता सोरेन ने दावा किया कि झारखंड की सभी 14 लोकसभा सीटें बीजेपी जीतेगी. झारखंड को झुकाएंगे नहीं, झारखंड को बचाएंगे. बीजेपी नेता विनोद तावड़े और झारखंड के पार्टी प्रभारी लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने सीता सोरेन को पार्टी में शामिल कराया है. इस दौरान विनोद तावड़े ने कहा कि सीता सोरेन से ताकत बढ़ी. आने वाले दिनों में इसका असर दिखेगा. आदिवासी समाज के हित की योजनाओं में और ताकत मिलेगी. बहन सीता सोरेन का स्वागत करता हूं. पूरी टीम के साथ आदिवासियों के विकास में अपना योगदान देंगी.
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वहीं लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि सीता सोरेन का स्वागत करता हूं. झारखंड में जेएमएम में रहते हुए वह भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष, कोयला खदानों में चोरी के खिलाफ दिल्ली तक आवाज उठाती रही हैं. सीता सोरेन से सहयोग मिलेगा. बता दें कि सीता सोरेन ने आज (मंगलवार, 19 मार्च) सुबह ही JMM से इस्तीफा दे दिया था. पार्टी छोड़ते वक्त उन्होंने एक बड़ा ही भावुक पत्र जारी किया था. जिसमें उन्होंने लिखा था कि मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही है. उन्होंने कहा कि मैं झारखंड मुक्ति मोर्चा की केंद्रीय महासचिव और सक्रिय सदस्य हूं. वर्तमान में पार्टी की विधायक हूं. अत्यंत दुखी हृदय के साथ अपना इस्तीफा दे रही हूं.
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उन्होंने आगे लिखा था कि मेरे स्वर्गीय पति दुर्गा सोरेन झारखंड आंदोलन के अग्रणी योद्धा और महान क्रांतिकारी थे. उनके निधन के बाद से ही मैं और मेरा परिवार लगातार उपेक्षा का शिकार रहे हैं. पार्टी और परिवार के सदस्यों द्वारा हमें अलग-थलग किया गया है, जो मेरे लिए अत्यंत पीड़ादायक रहा है. बता दें कि सीता सोरेन झारखंड की जामा सीट से विधायक हैं.