Lalu Yadav vs Nitish Kumar : बिहार की राजनीति में एक नया धमाका होने की संभावना है. जल्द ही विधायकों के पार्टी बदलने का मामला सामने आ सकता है. नीतीश कुमार के फ्लोर टेस्ट से पहले JDU और BJP के नेताओं ने लालू यादव की पार्टी के विधायकों को अपने से जोड़ने की कोशिश की है. 12 फरवरी को होने वाले सदन में यह पता चलेगा कि इन खबरों में कितनी सच्चाई है.


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राजनीतिक सूत्रों की मानें तो 12 फरवरी को होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले लालू यादव की पार्टी के कई विधायक उनके साथ नजदीक नहीं हैं और इस समय वे पार्टी से दूर होने के आसपास हैं. यह माना जा रहा है कि लालू यादव की पार्टी में मुस्लिम-यादव समीकरण को अधिक प्राथमिकता देने के कारण ये विधायक नाराज हैं. यह सभी विधायक जल्द ही पार्टी बदल सकते हैं और नीतीश कुमार के साथ हो सकते हैं या उनकी पार्टी से अलग हो सकते हैं.


नीतीश कुमार ने प्रेशर पॉलिटिक्स से बाहर निकलने की कोशिश की है. महागठबंधन को छोड़कर वह अपनी मजबूती के लिए राजनीतिक खेल बना रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस और लालू यादव की पार्टी में सेंध लगाने की कोशिश की है. उन्होंने कांग्रेस और राजद के विधायकों को अपने पक्ष में लाने के लिए बड़े ऑफर भेजे हैं. बिहार में शक्ति परीक्षण के पहले RJD के कई विधायक लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के रेंज से बाहर हो गए हैं. इन विधायकों की संख्या कुछ दर्जन से अधिक हो सकती है. इन विधायकों को बचाने के लिए पार्टी की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है.


सूत्रों के मुताबिक बता दें कि बिहार में सरकार बनाने के लिए अभी तक 122 विधायकों की आवश्यकता है. अभी तक कांग्रेस के 16 विधायक बाहर भेजे गए हैं, लेकिन नीतीश कुमार को किसी भी खतरे का सामना नहीं करना पड़ रहा है. यही कारण है कि वह लालू यादव की पार्टी में सेंध लगाकर अपनी स्थिति और मजबूत करना चाहते हैं, ताकि उनकी सरकार को किसी अन्य पार्टी के लोग ब्लैकमेल न कर सके.


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