Lok Sabha Election 2024: 2019 में विपक्ष के खाते में बिहार की आई थी सिर्फ एक सीट, देखें किशनगंज में कितने वोटों से जीता था कांग्रेस प्रत्याशी
Lok Sabha Election 2024: किशनगंज सीट पर 2014 की तरह 2019 में भी कांग्रेस की जीत हुई थी. इस तरह से कांग्रेस के इस किले को जीतने में बीजेपी नाकामयाब रही थी. यहां से कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद जावेद ने जेडीयू के सैयद मोहम्मद अशरफ को हराया था.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार अपनी पूरी टीम के साथ आज (सोमवार, 19 फरवरी) को बिहार पहुंच चुके हैं. यहां वो चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगे और इसी के अनुसार चुनाव की तारीखों का फैसला करेंगे. पीएम मोदी के नेतृत्व में सत्ता की हैट्रिक लगाने को बेताब बीजेपी ने इस बार अपने सहयोगियों के साथ मिलकर बिहार में क्लीन स्वीप करने का लक्ष्य तय किया है. एनडीए अपने पिछले प्रदर्शन से उत्साहित है क्योंकि पिछली बार उसने 40 में से 30 सीटें जीती थीं. हालांकि, मोदी लहर में भी कांग्रेस का किला सुरक्षित बच गया था.
मोदी लहर में भी जीती कांग्रेस
हम बात कर रहे हैं किशनगंज सीट की. 2014 की तरह 2019 में भी कांग्रेस के इस किले को जीतने में बीजेपी नाकामयाब रही थी. किशनगंज से कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद जावेद ने जेडीयू के सैयद मोहम्मद अशरफ को हराया था. जीत-हार का अंतर केवल 34,466 वोटों का था, पर शिकस्त तो शिकस्त है. मोहम्मद जावेद को 3,67,017 यानी 33.32 प्रतिशत मत हासिल हुए थे. तो उनके प्रतिद्वंद्वी जेडीयू के सैयद मोहम्मद अशरफ को 3,32,551 यानी 30.19 प्रतिशत वोट मिले थे. बता दें कि मोहम्मद जावेद को राजनीति अपने पिता आजाद हुसैन से विरासत में मिली है.
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1999 में आखिरी बार खिला था कमल
मुस्लिम बाहुल्य किशनगंज सीट पर बीजेपी ने 1999 में सेंध लगाई थी. उस वक्त 3 दलों की टक्कर में बीजेपी प्रत्याशी शाहनवाज हुसैन ने कमल खिलाया था. हालांकि अगले ही चुनाव में बीजेपी के हाथों से सीट निकल गई और फिर कभी वापसी नहीं हो सकी. 2004 में राजद के मोहम्मद तस्लीमउद्दीन ने लालटेन की रोशनी बुलंद की थी. तो उसके बाद से कांग्रेस का कब्जा है. 2019 में कांग्रेस की हैट्रिक पूरी हो चुकी है. 2009 और 2014 में कांग्रेस प्रत्याशी असरारुल हक कासमी ने जीत दर्ज की थी.
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इस सीट के जातीय समीकरण
किशनगंज लोकसभा क्षेत्र देश में कश्मीर के बाद दूसरा सर्वाधिक मुस्लिम की आबादी है. यहां मुस्लिम आबादी 75 प्रतिशत के करीब है. हिंदुओं में जातीय आधार पर इस क्षेत्र में यादव, सहनी, शर्मा, पासवान, रविदास, आदिवासी, ब्राह्मण भी रहते हैं. मारवाड़ी और पंजाबियों की भी थोड़ी बहुत आबादी है, जिनका प्रतिशत 5 से कम है. इस लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा आती हैं. 2020 विधानसभा चुनाव में यहां असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने कमाल करके दिखाया था. AIMIM ने चार सीट (बहादुरगंज, कोचाधामन अमौर और बायसी) पर जीत हासिल की थी. वहीं कांग्रेस को किशनगंज और आरजेडी के हिस्से में ठाकुरगंज ही नसीब हुई थी.