पटना: कांग्रेस पार्टी ने बिहार में किशनगंज सीट के लिए अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है. कांग्रेस ने वर्तमान सांसद डॉ. मोहम्मद जावेद को एक बार फिर से किशनगंज में अपना प्रत्याशी बनाया है. बता दें कि पिछली बार एनडीए की आंधी में महागठबंधन की तरफ से एकमात्र सीट जीतने वाले उम्मीदवार किशनगंज सीट से मोहम्मद जावेद ही हैं. ऐसे में वो अपना टिकट पहले से ही पक्का मानकर चल रहे थे. जिसके बाद पार्टी आलाकमान ने भी उनके नाम पर मुहर लगा दी. बता दें कि किशनगंज से मोहम्मद जावेद के अलावा कोई दूसरा सशक्त दावेदार भी नहीं था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचंड मोदी लहर में भारतीय जनता पार्टी और जेडीयू 17-17 सीटों पर बिहार लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरे थे, लेकिन जब रिजल्ट आया तो भाजपा ने 100 प्रतिशत के स्ट्राइक रेट से सभी 17 सीटों पर जीत हासिल की. वहीं जेडीयू को एक सीट पर हार मिली. प्रचंड मोदी लहर में भी एनडीए गठबंधन को जिस एक सीट पर हार मिली थी. वो किशनगंज की सीट थी और यहां के उम्मीदवार थे कांग्रेस के डॉ. मोहम्मद जावेद. बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में किशनगंज सीट से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. मोहम्मद जावेद को कुल 3,67,017 यानी 33.32 प्रतिशत वोट मिले थे. वहीं उनके विरोध में खड़े जेडीयू के सैयद महमूद अशरफ को कुल 3,32,551 यानी 30.19 प्रतिशत वोट मिले थे. इस तरह डॉ. जावेद ने सैयद अशरफ को बिहार में सबसे कम वोट 34,466 से हराया था.


प्रचंड मोदी लहर के बीच भी मोहम्मद जावेद चुनाव लड़े भी और जीत भी हासिल की. बिहार में एकमात्र सीट पर जीत हासिल करने के बाद बिहार कांग्रेस के नेताओं में डॉ. मोहम्मद जावेद की हैसियत बढ़ गई है. बिहार के सीमांचल के अलावा उत्तर प्रदेश के कई मुस्लिम बहुल इलाकों में भी पार्टी की तरफ से डा. मोहम्मद जावेद को कई जिम्मेदारियां दी गई. बताया जाता है कि 2009 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने डा. मोहम्मद जावेद को अपना प्रत्याशी बनाया था फिर किसी कारण से जावेद ने अपना टिकट मौलाना इसरारुल हक कासिमी को दे दिया था.


ये भी पढ़ें- JDU ने लोकसभा चुनाव प्रचार गीत किया लॉन्च, प्रचार रथ भी रवाना, नीतीश सरकार की उपलब्धियों का जिक्र