पटना: बिहार की राजधानी पटना के मुख्य शहरी भाग से जुड़ा पटना साहिब लोकसभा सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है. बीजेपी ने इस सीट पर एक बार रविशंकर प्रसाद पर भरोसा जताते हुए उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं इंडिया गठबंधन ने इस सीट पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष अंशूल अविजीत को अपना उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में इस सीट पर दोनों नेताओं पर जबरदस्त टक्कर देखने को मिल सकती है. बता दें कि छात्र नेता से अपना राजनीतिक जीवन शुरू करने वाले रविशंकर प्रसाद देश के प्रख्यात वकील भी रहे हैं. 1970 के दशक में उन्होंने इन्दिरा गांधी की सरकार के विरुद्ध हुए विरोध प्रदर्शनों के जरिए अपनी पहचान बनाई. साथ ही, रविशंकर प्रसाद ने आपातकाल के दौरान जयप्रकाश नारायण की अगुवाई में बिहार में छात्र आन्दोलन का भी नेतृत्व किया था.


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पटना की सड़कों पर कांग्रेस के खिलाफ आंदोलन करते हुए पहली बार सन् 2000 में उन्होंने संसद की दहलीज पर कदम रखा. जिसके बाद अगले साल 2001 में अटल बिहारी वाजजेपी की सरकार में उन्हें केन्द्रीय मंत्री बनाया गया. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में भी वो दो बार केन्द्रीय मंत्री बने. जेपी की अगुआई में हुए छात्र आंदोलन में रविशंकर प्रसाद ने हिस्सा लिया और जेल भी गए. इसके अलावा वकील के रूप में उन्हें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के विरुद्ध चारा घोटाले में बहस करने के साथ अलकतरा घोटाले में जनहित याचिका पर बहस करने का मौका मिला.


पटना उच्च न्यायालय में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के कई मामलों में वो वकील भी रहे. वर्षों तक रविशंकर प्रसाद भाजपा की युवा शाखा व पार्टी संगठन में राष्ट्रीय स्तर का उत्तरदायित्व संभालते रहे. 2001 में मंत्री बनने के बाद 1 जुलाई, 2002 को रवि शंकर प्रसाद को विधि एवं न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री का अतिरिक्त भार दिया गया. वर्तमान में रवि शंकर प्रसाद की गिनती बीजेपी के बड़े नेताओं में की जाती है. 


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