हाय रे किस्मतः राहुल गांधी जहां हाथ डालते हैं, चौपट हो जाता है!
Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि नीतीश कुमार रंग बदलने में गिरगिट को भी मात देने में लगे हुए हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तो यहां तक कह दिया कि उन्हें इसके बारे में पता था इसीलिए उन्हें `इंडिया` का संयोजक नहीं बनाया गया था.
Lok Sabha Election 2024: ये महज इत्तफाक है या राहुल गांधी की राजनीतिक असफलता, 2013 से लेकर अब तक वह जहां भी हाथ डालते हैं वही काम चौपट हो जाता है. राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो न्याय यात्रा आज (सोमवार, 29 जनवरी) को बिहार में प्रवेश कर रही है और इससे ठीक एक दिन पहले कांग्रेस पार्टी की महफिल लुट गई. नीतीश के पलटी मारते ही बिहार की सत्ता से कांग्रेस पार्टी बेदखल हो गई. कांग्रेसी अब नीतीश पर अपनी खीझ निकालने में जुटे हैं. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि नीतीश कुमार रंग बदलने में गिरगिट को भी मात देने में लगे हुए हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तो यहां तक कह दिया कि उन्हें इसके बारे में पता था इसीलिए उन्हें 'इंडिया' का संयोजक नहीं बनाया गया था.
अब राजनीतिक गलियारों में ये भी चर्चा है कि अगर कांग्रेस पार्टी हठधर्मिता ना करती तो आज नीतीश इंडी अलायंस का हिस्सा होते. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि नीतीश की पलटी के पीछे राहुल गांधी का बड़ा हाथ है. ये सच है कि नीतीश ने जिस इंडी अलायंस की नींव रखी थी, कांग्रेस उसे हड़प रही थी. इंडी अलायंस में जब सभी लोग नीतीश को संयोजक बनाने पर सहमत हो गए थे, तब राहुल ने ममता बनर्जी के रूप में अडंगा लगाने का काम किया था. राहुल ने तब ये कहकर बात बिगाड़ दी थी कि ममता इसके लिए सहमत नहीं है. इसके बाद नीतीश ने ही नाराज होकर इस पद को ठुकरा दिया था.
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उसके तुरंत बाद राहुल इसे या तो भूल गए या नजरअंदाज करने का फैसला लिया. कांग्रेस की ओर से ना तो नीतीश को साधने की कोशिश हुई और ना ही ममता बनर्जी से संपर्क साधा गया. नतीजा ये हुआ कि एक इंडी अलायंस से बाहर हो चुका है और दूसरा भी लगभग बाहर ही है. अब गांधी परिवार को अफसोस हो रहा होगा कि कैसे उन्होंने नीतीश को 'इंडिया' का संयोजक बनाकर शांत करने का सुनहरा मौका गंवा दिया.
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राजनीतिक पंडितों का कहना है कि राहुल गांधी के अघोषित नेतृत्व में बीते 9 सालों में कांग्रेस 2 लोकसभा समेत करीब 40 विधानसभा चुनाव हार चुकी है. लगातार चुनाव हार रही कांग्रेस में जान फूंकने के कई प्रयास हुए, लेकिन सब बेनतीजा ही रहा. दशकों तक कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहने वाले नेता भी आज पार्टी छोड़कर जा रहे हैं. इन नेताओं में गुलाम नबी आजाद, कैप्टन अमरिंदर सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, आरसीपी सिंह और हेमंत बिस्वा सरमा जैसे नेता शामिल है. इनमें से ज्यादातर आज बीजेपी ज्वाइन कर चुके हैं. सभी ने पार्टी छोड़ते वक्त राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया था.
(ये लेखक के निजी विचार हैं...)