Bihar Politics: बिहार में सरकार बदली और नीतीश NDA के साथ हो लिए तो लगा था कि राजद इस सरकार की राह में रोड़े अटकाएगी. लेकिन, लालू प्रसाद यादव की राजद तो एकदम शांत नजर आ रही है. 17 महीने पुरानी महागठबंधन सरकार के जाने के बाद जदयू और नीतीश पर राजद के नेताओं का बयानी हमला तो जारी है. फिर भी राजद अभी कोई सियासी बखेड़ा नहीं खड़ा करना चाहती है. 


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सूत्रों की मानें तो बिहार विधानसभा के स्पीकर के पद से इस्तीफे के लिए अवध बिहारी चौधरी को राजद की तरफ से निर्देश दे दिया गया है. यानी जिस तरह का विरोध अभी स्पीकर को लेकर हुआ था उसमें किसी तरह के वाद-विवाद से बचने का पूरा इंतजाम राजद ने कर लिया है और वह इस मसले को शांति से निपटाना चाहती है. 


सूत्रों की मानें तो राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पार्टी के नेता और बिहार विधानसभा के स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को निर्देशित कर दिया है कि वह पद छोड़ दें. पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि राजद बिहार में सरकार बनाने की कवायद में लगी है और विकल्प की तलाश कर रही है.  लेकिन, तेजस्वी ने जब कहा कि वह पहले किसी भी तरह से गठबंधन से अलग नहीं होंगे तो साफ हो गया था कि विकल्प नीतीश कुमार के लिए होगा कि उन्हें किसका साथ चुनना है. 


अब ऐसी स्थिति में बिहार विधानसभा में NDA के पास 127 विधायकों का समर्थन है जो आंकड़ा स्पष्ट बहुमत का है, जबकि महागठबंधन के पास 116 ही विधायक बचे हैं. ऐसे में दावा किया जा रहा था कि इस बार खेला राजद करेगी और जेडीयू के कुछ विधायकों को वोटिंग के समय अनुपस्थित करवाकर इस खेला को अंजाम दे सकती है क्योंकि अभी बिहार में राजद के नेता ही विधानसभा के स्पीकर हैं.