Samrat Choudhary News: बिहार में एनडीए की सरकार वापसी हो चुकी है. नीतीश कुमार की सरकार में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को डिप्टी सीएम की कुर्सी मिली है. सम्राट चौधरी वही नेता हैं जो विपक्ष में रहते हुए नीतीश कुमार को कानून व्यवस्था पर घेरते रहे हैं. अब सत्ता की बागडोर मिलने पर सम्राट चौधरी का पहला फोकस प्रदेश की कानून व्यवस्था सुधारने पर होगा. सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान उन्हें शाह से भी यही निर्देश मिला है. शाह से मुलाकात के बाद सम्राट ने भी हुंकार भरते हुए अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को बिहार छोड़ देने की सलाह दी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उन्होंने साफ कहा कि अब बिहार में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं बचेगी. कहा कि सबका इलाज होगा. बालू माफिया, शराब माफिया से जुड़े एक-एक व्यक्ति की जांच होगी. पुलिस अब माफियाओं के हमले का शिकार नहीं होगी. इतनी सख्त व्यवस्था की जाएगी कि या तो माफिया पलायन करेंगे या फिर सरेंडर करना होगा. बता दें कि विपक्ष में रहते हुए बीजेपी ने सम्राट चौधरी को 'बिहार के योगी' के रूप में प्रोजेक्ट किया था. अब बतौर डिप्टी सीएम प्रदेश की कानून-व्यवस्था को पटरी पर लाना उनकी जिम्मेदारी बनती है. हालांकि, गृह विभाग तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पास रख लिया है. ऐसे में सवाल ये है कि सम्राट चौधरी कैसे बिहार में 'योगी मॉडल' को लागू कर सकेंगे.


ये भी पढ़ें- उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने विपक्ष पर साधा निशाना, कहा- सारी फाइलें खोलेंगे?


बता दें कि एक जमाना था जब बिहार की तरह यूपी में भी बाहुबलियों का साम्राज्य चलता था. प्रदेश अक्सर दंगों की चपेट में झुलसता रहता था. फिर 2017 में योगी के हाथ में यूपी की कमान आई. योगीराज में अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई और वर्षों से खामोश पड़ी यूपी पुलिस की बंदूकें गरजने लगीं. प्रदेश के नामचीन अपराधियों का या तो एनकाउंटर हो गया या तो वे जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए. सख्त कानून-व्यवस्था की दम पर ही योगी लगातार दूसरी बार यूपी के सीएम बने हैं. योगी मॉडल ऐसा है कि देश में कहीं भी कोई अपराधिक घटना घटित होती है, तो लोग योगी मॉडल की ही मांग करते हैं.