Modi Cabinet: बीजेपी ने इन 6 मंत्रालयों को किया रिजर्व, देखें रेल मंत्रालय क्यों है सबकी पहली पसंद?
Modi Cabinet News: बीजेपी ने कुछ मंत्रालयों को रिजर्व करके रख लिया है. इनमें गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के अलावा रेलवे और सड़क परिवहन मंत्रालय शामिल हैं. इन्हें वह किसी भी हाल में सहयोगी दलों को देना नहीं चाहती.
Modi Cabinet News: एनडीए संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से उन्हें शपथग्रहण के लिए रविवार (9 जून)का टाइम मिला है. पीएम मोदी लगातार तीसरी प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. मोदी कैबिनेट में किसे क्या मिलेगा, इसकी रूपरेखा तैयार करने के लिए सहयोगियों के साथ बीजेपी का मंथन जारी है. सूत्रों के मुताबिक, नई सरकार में बीजेपी ने कुछ मंत्रालयों को रिजर्व करके रख लिया है, जिन्हें वह किसी भी हाल में सहयोगी दलों को देना नहीं चाहती. इन मंत्रालयों में गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय हैं. कहा जा रहा है कि बीजेपी कितनी भी मजबूर हो लेकिन वह इन मंत्रालयों को नहीं छोड़ सकती है.
इसके अलावा रेलवे और सड़क परिवहन भी किसी को देने के मूड में नहीं है. टीडीपी-जेडीयू की ओर से भी मजबूत पोर्टफोलियो की डिमांड हो रही है. सूत्रों के मुताबिक, टीडीपी ने सड़क परिवहन मंत्रालय की डिमांड की है. हालांकि, नितिन गडकरी के बेमिसाल काम को देखते हुए बीजेपी इस मंत्रालय को छोड़ना नहीं चाहती है. टीडीपी को इस मंत्रालय में राज्य मंत्री वाला पद ऑफर किया गया है. इससे टीडीपी की डिमांड भी पूरी हो जाएगी और नितिन गडकरी के नेतृत्व में मंत्रालय पहले की तरह तेज रफ्तार से काम भी करता रहेगा.
इसी तरह से बिहार के दो दलों की नजर रेल मंत्रालय पर टिकी हुई है. जेडीयू और लोजपा-रामविलास दोनों रेल मंत्रालय पर अपना-अपना दावा जता रहे हैं. दोनों दलों के नेताओं का कहना है कि पहले भी बिहार से कई रेल मंत्री रह चुके हैं. ऐसे में इस बार भी रेल मंत्रालय बिहार को ही मिलना चाहिए. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि बजट के हिसाब से तो बड़ा मंत्रालय है ही, ये बड़ा कल्याणकारी मंत्रालय भी माना जाता है. इसलिए सभी इस मंत्रालय को पाना चाहते हैं.
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विशेषज्ञों के मुताबिक, रेलवे ऐसा मंत्रालय है कि जोकि सीधे तौर पर आम आदमी की जिंदगी को प्रभावित करता है. नई ट्रेनें शुरू करना, हॉल्ट बनाना, स्टेशन बनाना, किसी व्यक्ति के नाम से स्टेशन का नामकरण कर देना, ऐसे कई काम हैं जो सीधे जनता तक पहुंचने में मदद करते हैं. हालांकि, अब बजट के साथ ही रेलवे का बजट पेश किया जाता है. इससे काफी हद तक ये मंत्रालय भी वित्त मंत्रालय के आधीन है. वहीं बीजेपी इस मंत्रालय को इसलिए नहीं देना चाहती है क्योंकि मोदी ने अपने पिछले ही कार्यकाल में अमृत भारत योजना के तहत देश के रेलवे स्टेशनों को विकसित करने का काम शुरू किया है. इसके बुलेट ट्रेन और वंदे भारत जैसी हाईस्पीड ट्रेनों के प्रोजेक्ट का काम भी लटक सकता है.