Bihar Political Crisis: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय या़त्रा लेकर 29 जनवरी को बिहार में प्रवेश करने वाले हैं. कांग्रेस नेताओं की दिली आकांक्षा थी कि बिहार के मख्यमंत्री और इंडिया के संस्थापक नीतीश कुमार बिहार में इस यात्रा का स्वागत करने के लिए किशनगंज में मौजूद रहें और अगले दिन यानी 30 जनवरी को पूर्णिया में होने वाली विशाल रैली का हिस्सा बनें. हालांकि खबर है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस के आमंत्रण को ठुकरा दिया है और वे राहुल गांधी के भारत जोड़ो न्याय यात्रा से दूरी बनाकर ही रखने वाले हैं. इस बीच बिहार में जो उठापटक शुरू हुई है, उससे तो यही लगता है कि राहुल गांधी के बिहार में एंट्री करने से पहले ही यहां महफिल लुट जाएगी. नीतीश कुमार के पाला बदलने की खबरें आ रही हैं और पटना से दिल्ली तक राजनीतिक माहौल एकदम से गरमाया हुआ है.


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कांग्रेस को उम्मीद थी कि राजद के साथ मिलकर 2019 में भले ही वह एक सीट लेकर रह गई पर 2024 में नीतीश कुमार की बैसाखी के सहारे वह अच्छा प्रदर्शन करेगी और इंडिया ब्लाॅक को भी शानदार सफलता मिलेगी. कांग्रेस को नीतीश सरकार की ओर से कराए गए जातिगत जनगणना, शिक्षकों की बहाली आदि से चुनाव में फायदे की उम्मीद थी, लेकिन एक झटके में अब यह सारा क्रेडिट नीतीश कुमार लेकर एनडीए के पाले में जा बैठे तो फिर कांग्रेस के लिए यही कहना होगा- रहा न कोई खेवनहारा. 


2019 में कांग्रेस और राजद एक साथ मिलकर चुनाव लड़े थे. उनके साथ उपेंद्र कुशवाहा भी थे, जिन्हें एक भी सीट हासिल नहीं हुई थी. राजद भी 0 पर आउट हो गया था. किशनगंज के रूप में कांग्रेस को एक सांसद जरूर हासिल हुआ था. 40 में से 39 सीटों पर एनडीए ने विजय हासिल की थी, जिनमें 17 पर भाजपा, 16 पर जदयू और 6 सीटों पर लोजपा ने जीत हासिल की थी. कांग्रेस को राजद का साथ 2024 में भी रहेगा पर सांसद प्रत्याशियों को जिताने की गारंटी राजद के साथ नहीं मिल सकती और 2019 में कांग्रेस यह सब देख चुकी है. 


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कोई बड़ी बात नहीं कि राहुल गांधी का काफिला बिहार में एंट्री करे, उससे पहले यहां महागठबंधन सरकार का अंतिम संस्कार हो चुका होगा और एनडीए की नई सरकार काम कर रही होगी. फिर न तो कोई स्वागतकर्ता होगा और न ही रैली में वो मजा आएगा, क्योंकि मजा तो पहले ही किरकिरा हो चुका होगा. महागठबंधन या यूं कहें कि इंडिया का जायका बिगड़ चुका होगा और जायका बिगड़ेगा तो हाजमा दुरुस्त हो, इसकी गारंटी कौन ले सकता है.