पटना: भीषण गर्मी और लू की चपेट में आने से बिहार के कई जिलों में अब तक 89 लोगों की मौत हो गई है तो वहीं, एईस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) से  मुजफ्फरपुर जिले में अब तक 84 बच्चों की मौत हो चुकी है. खुद स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को मुजफ्फरपुर का दौरा किया. दौरा करने के बाद हर्षवर्धन ने कहा, "बीमारी की पहचान करने के लिए शोध होना चाहिए, जिसकी अभी भी पहचान नहीं है और इसके लिए मुजफ्फरपुर में शोध की सुविधा विकसित की जानी चाहिए."


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वहीं, दूसरी ओर बिहार में लोग लू का तांडव लगातार जारी है. इसकी वजह से गया में 18 लोगों की मौत हो गई है. गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल में 18 की मौत की घटना की खबर ने लोगों को अंदर तक झकझोर दिया है.


गया बिहार के सबसे गर्म स्थानों में से एक है. दोपहर होते हीं गया शहर के कई महत्वपूर्ण सड़के वीरान हो जाती हैं. सरकारी बस स्टैंड पर भी सन्नाटा पसरा रहता है. कोई भी यात्री दोपहर में बस की यात्रा नहीं कर रहे हैं. सभी अपने घरों में दुबके बैठे हैं. जिन्हें जरूरी काम भी है वह भी धूप ढलने का इंतजार कर रहे हैं. 


रविवार को सिर्फ बिहार में लू से 30 लोगों की मौत हुई है. दिन भर सदर अस्पताल में पीड़ितों के आने का सिलसिला जारी थी. वहीं, लोगों का आरोप है कि प्रशासन की ओर से कई मृतकों के नाम नहीं दर्ज किए गए. जिनकी मौत अस्पताल लाने के दौरान हुई उनके नामों को भी रजिस्टर नहीं किया गया. 


वहीं नवादा में 18, कैमूर में 2, आरा और समस्तीपुर में एक-एक शख्स की लू लगने से मौत हुई है. गर्मी का प्रकोप ऐसा है कि लू लगने से औरंगाबाद और गया के बाद कैमूर जिले में भी एक महिला और एक ट्रक चालक की अलग-अलग थाना क्षेत्र में मौत हो गई. 


तो वहीं, दूसरी तरफ वाराणसी से कोलकाता की तरफ जा रही ट्रक कुदरा थाना क्षेत्र के पुसौली के पास एक लाइन होटल पर रोककर ट्रक के केबिन में ही आराम करने लगा और शाम को जब ड्राइवर का बेटा पहुंचा तब तक ड्राइवर की उल्टी सांसे चल रही थी और आनन-फानन में ट्रक लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुदरा अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.