मुंगेर: मुंगेर जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर संग्रामपुर प्रखंड के ददरीजाला पंचायत के प्रगतिशील किसान दिवाकर सिंह पॉली हाउस में खीरा और शिमला मिर्च का उत्पादन कर अच्छी कमाई कर रहे है.  प्रत्येक दिन दो से चार क्विंटल खीरा को बाजारों में बेच रहे है. किसान दिवाकर सिंह बताते है की 1989 से खेती करता आ रहा हूं ,पहले परम्परागत खेती जैसे गेहूं,मक्का एवं धान की खेती करते थे, लेकिन लगा की इससे कुछ होने वाला नहीं है तो इससे कुछ अलग खेती करने का विचार आया. लगा की कृषि के क्षेत्र में कुछ अलग करना चाहिए और जिला स्तर में कृषि विभाग के जुड़ गया. जिसके कारण कई जगह प्रशिक्षण के लिए गया. वहां पता चला की विदेशों में कई तरह की खेती होती है. लेकिन अपने देश और राज्य में इस तरह की खेती क्यों नहीं हो पाती.


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फिर मैंने सोचा यहां क्यों नहीं हो सकता. जिसके बाद मैं डेयरी से जुड़ा बाद में मछली एवं मधुमखी पालन किया. वहीं जानकारी हुई की पॉली हाउस लगाकर अच्छी खेती की जा सकती है. जिसके बाद मैने पॉली हाउस का निर्माण करवाया और इसमें दो तरह के खीरे के साथ ही शिमला मिर्च लगाए. दो किस्म के खीरा में एक हरा और एक उजला रंग का खीरा का उत्पादन करते है. उन्होंने बताया कि हरे रंग का खीरा (रिजवान कंपनी का स्टार वेराइटी है) विदेशी है और डेढ़ फुट का जब यह पौधा होता है तब से फलना शुरू हो जाता है और लम्बे समय तक फलता है.  इस खीरे का स्वाद अच्छा है खाने में अच्छा लगता है.


लेकिन लोकल बाजार में इसका डिमांड नहीं  होने के कारण दूसरे राज्यों और बड़े -बड़े शहरों में इनका डिमांड ज्यादा है यह खीरा 25 -30 रूपये किलो मंडी में बिकती है. उन्होंने कहा कि सफेद खीरा में उत्पादन अच्छा है इसका डिमांड आस -पास क्षेत्रों में खूब है. आगे उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में मैंने पहली बार शिमला मिर्च की खेती की जिसका उत्पादन अच्छा है.


किसान दिवाकर सिंह बताते है कि आज कल खीरा का डिमांड ज्यादा है. अब लोग खाने में खीरा को सलाद के रूप में उपयोग करते है. जिसके कारण मैने खीरा की खेती करने का सोचा जिसका मुझे फायदा मिला. उन्होंने बताया कि एक साल में 10 -12 लाख रुपये का खीरा उत्पादन कर लेते है और खर्च लगभग 5 लाख रुपये होती है और हर रोज दो मजदूर इस कार्य में लगे रहते हैं. वहीं ग्रामीणों ने बताया की दिवाकर सिंह हमारे गांव के प्रगतिशील किसान है. दो साल से पॉली हाउस में खीरा फसल का अच्छा उत्पादन कर रहे है. खीरा उत्पादन से आस -पास के लोग खीरा खरीदने के लिए इनके पास चले आते हैं. साथ ही गांव के बेरोजगार लोगों को रोजगार भी मिल रहा है.


इनपुट- प्रशांत कुमार सिंह


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