Muzaffarpur: उत्तर बिहार में भारी बारिश से नदियां उफान पर हैं. बूढ़ी गंडक (Burhi Gandak) से लेकर कोसी (Koshi), बागमती (Bagmati) व अन्य छोटी-बड़ी नदियों ने इस पूरे क्षेत्र में कहर बरपा रखा है. मुजफ्फरपुर से लेकर खगड़िया (Flood In Khagaria) तक आफत की बाढ़ आई हुई है. सबसे ज्यादा कहर तो गंडक और बूढ़ी गंडक ने मचा रखा है. मुजफ्फरपुर के शहरी इलाके में पानी भर गया है.
 
मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक का कहर
सबसे बुरा हाल मुजफ्फरपुर शहर का हो रखा है. शहर के निचले इलाकों में बूढ़ी गंडक का पानी भर गया है. मोहल्लों में नाव का परिचालन हो रहा है. यही नहीं लोगों के घरों में भी पानी भरा गया है. शेखपुर ढाब, छिटभगवतीपुर समेत कई मोहल्लों में बूढ़ी गंडक ने कब्जा जमा लिया है. सबसे ज्यादा परेशानी आने जाने में हो रही है. साथ ही, खाने पीने के सामानों को लेकर भी परेशानी हो रही है. बड़ी आबादी बाढ़ से प्रभावित है.


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बेतिया के योगापट्टी में सैलाब
बारिश और बाढ़ ने बेतिया को तो तबाह कर दिया है. गंडक का दियारा इलाका तो बुरी तरह से प्रभावित है. योगापट्टी का इलाका तबाह हो गया है. आम लोग तो परेशान हैं. सरकारी दफ्तर में काम करने वाले भी परेशान हैं. दफ्तरों में बाढ़-बारिश का पानी जमा है. योगापट्टी के FCI गोदाम परिसर में पानी भरा है. वहीं, शहर के बिजली ग्रिड में भी पानी भर गया है. मनरेगा भवन में तो सबकुछ डूब गया है.


खगड़िया में कोसी-बागमती का तांडव
इसके अलावा, खगड़िया में कोसी और बागमती नदी उफान पर है. दोनों नदियों का पानी खतरे के निशान से ऊपर है. जिस वजह से खगड़िया के उत्तरी माड़ड़ के कई गांव पानी में डूब गए हैं. कई गांव पूरी तरह से घिरे हुए हैं.  मदुरा से सिमराहा जाने वाली सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है. नदी किनारे बाले गांव सिमराहा, बल्लौर, मोरकाही समेत कई गांव के लोगों के लिए नाव ही आवागमन का साधन बना हुआ है.