Muzaffarpur: कोरोना संक्रमण के दौर में मुजफ्फरपुर की शाही लीची की मार्केंटिंग में भी बदलाव किया गया है. अब राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र की मदद से शाही लीची ऑनलाइन बेचने की तैयारी की जा रही है. इसकी मुहिम के लिए करीब चार हजार किसानों को जोड़ा गया है.


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वहीं, लीची को दुबई निर्यात करने के लिए वहां के 10 व्यापारियों से संपर्क किया गया है. साथ ही कई किसान भी अपने स्तर से लीची का सौदा कर रहे हैं.


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बता दें कि उतर बिहार में 28 हजार हेक्टेयर में 40 हजार से अधिक किसान परिवार लीची की खेती करते हैं. गत साल फरवरी में केंद्र सरकार ने उन्नत लीची कार्यक्रम की शुरुआत की थी. इस कार्यक्रम का मकसद बगानों का उन्नयन, लीची का उत्पादन को दोगुना करना तथा कम दामों में बाजार में उपलब्ध कराना था.


इधर, इस मौके पर प्रबंधक अभनिव कुमार ने बताया कि '15 मई से लीची बाजार में आने की उम्मीद है जो सीधे बाग से बाजार तक पहुंचाई जाएगी. खासकर सबसे ज्यादा लीची का उत्पाद मुजफ्फरपुर, मोतीहारी, समस्तीपुर, वैशाली में होता है. वहीं, किसानों के लिए एक एप भी बनाया जा रहा है. जिससे लीची का ऑनलाइन आर्डर किया जा सकता है.'


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दूसरी ओर राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ एसडी पांडेय का कहना है कि 'लीची उत्पादक किसानों को हरसंभव सहयोग और बाजार उपलब्ध कराने के लिए लीची कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसके जरिए लीची उत्पादक किसानों के साथ बागबानी से लेकर बाजार तक समन्वय बनाया गया है.'