Muzaffarpur Cold Wave: प्रचंड ठंड से बिहार के अधिकांश हिस्से थरथरा रहे हैं. हाड़ कंपा देने वाली ठंड ने आम लोगों को घर में दुबकने को मजबूर कर दिया है. सर्दी के मौसम में सरकार की ओर से गरीबों के लिए रैन बसेरा और अलाव की व्यवस्था की जाती है. इस बार भी बिहार सरकार ने सभी जिलों में रैन बसेरा बनवाए हैं और जगह-जगह पर अलाव की व्यवस्था की है. वहीं जब जी न्यूज की टीम ने मुजफ्फरपुर में रैन बसेरा और अलाव की व्यवस्था का जायजा लिया, तो काफी खामियां नजर आईं. मुजफ्फरपुर में पड़ रही प्रचंड सर्दी से सबसे ज्यादा दिक्कत रिक्शाचालकों को हो रही है. 


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यहां बनाए गए रैन बसेरा में रिक्शेवालों को जगह नहीं मिलने पर उन्हें रात में सड़क पर ही सोना पड़ता है. इसके अलावा उनको सस्ते दर पर भोजन भी नहीं मिल रहा है. जब जी न्यूज ने रात में मुजफ्फरपुर के स्टेशन रोड पर जिला परिषद् मार्केट स्थित रैन बसेरा का रियलिटी चेक किया तो रैन बसेरा और अलाव की व्यवस्था तक की सच्चाई का पोल खुल गई. रैन बसेरा के पास अलाव ताप रहे लोगों ने बताया कि नगर निगम की ओर से दी जा रही लकड़ी कम पड़ रही है. वहीं रिक्शा चालकों ने बताया कि उन्हें रैन बसेरा में जगह नहीं दी जाती है. यहां तक की सरकार की ओर से दी जाने सस्ते दर पर भोजन भी नहीं मिल रहा हैं.


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सरकार की ओर से रैन बसेरा में इसके लिए कैंटिंग भी बनाए गए. स्टेशन स्टेशन रोड में रात को भी लोगों का आना जाना लगा रहता है. स्टेशन रोड में बनाए गए रेन बसेरा मात्र पांच बेड लगाए गए हैं और चार से पांच दिन से लगातार तीन ही व्यक्ति का नाम मेंटेन है. इससे पहले राजधानी पटना में बनाए गए रैन बसेरों में भी कई कमियां मिली थीं. यहां रैन बसेरा बनाया गया है, लेकिन केयर टेकर गायब मिला था. 


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रैन बसेरा के देखरेख की जिम्मेदारी केयर टेकर के ऊपर है. तीन शिफ्ट में केयर टेकर की ड्यूटी लगाई गई है. पहला शिफ्ट सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक. वहीं, दूसरा शिफ्ट दोपहर 2 बजे से रात के 10 बजे तक और तीसरा शिफ्ट रात के 10 बजे से सुबह 6 बजे तक है. लेकिन रैन बसेरा का केयर टेकर अपनी ड्यूटी से गायब मिला था.