पश्चिम चंपारण: Nitish Vs PK: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीच जारी जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है. अब 'पीके' ने नीतीश पर एक बार फिर से हमला किया है.


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पब्लिसिटी को लेकर क्या बोले पीके?
प्रशांत किशोर ने कहा है कि अगर पैदल घूमने से पब्लिसिटी मिलती है तो मेरा सुझाव है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी पैदल चलना चाहिए ताकि जनता का कुछ भला हो जाए. उन्होंने कहा, 'अगर (मुझे) पब्लिसिटी करना होता तो पटना में बैठकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करता ना कि गांव-गांव घूमता.'


'बिहार में विकास के दावे फेल'
पीके ने बिहार सरकार को सुझाव देते हुए कहा, 'पटना में या फिर ऑफिसों में बैठकर सरकार दावे किए जा रही हैं और उन दावों को सही मानकर अपनी पीठ थपथपाने के बजाए, सरकार को जमीन पर उतरना चाहिए. इसके लिए किसी आंकड़े और जांच की जरूरत नहीं है, आप जब रोड पर चलते हैं तो देखते हैं कि जो बच्चे चल रहे हैं उनमें से कितनों के शरीर पर कपड़े हैं. विकास का दावा आपको वहीं दिख जाएगा.'


'स्कूलों में न टीचर, न बच्चे और ना ही बिल्डिंग'
जन सुराज यात्रा के तहत पश्चिम चंपारण पहुंचे पीके ने कहा कि बिहार के स्कूलों में न टीचर हैं, न बच्चे और न बिल्डिंग, उसमें आपको दिख जाएगा कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था कैसी है.


बिहार में अफसरशाही हावी
पीके ने कहा कि गांव में इतनी गंदगी है कि  बिना गमछा बांधे हुए निकलना मुश्किल है. नल जल योजना में टंकी का नल एक भी जगह नहीं है. राज्य मे अफसरशाही हावी है, अफसर सरकार चला रहे हैं और जनता के चुने प्रतिनिधियों की कोई ज्यादा भूमिका नहीं है. जिन लोगों की भूमिका है वो थोड़े दिन के लिए हैं क्योंकि वो इससे पैसा कमा रहे हैं.


उन्होंने कहा कि बिहार में विकास के सरकारी दावे जमीनी हकीकत से बिलकुल अलग है. इसमें जमीन-आसमान का अंतर है.



 

(इनपुट-शैलेंद्र कुमार)