ठंड कम होते ही VTR से बाहर निकले वन्य जीव, लोगों को है जानवरों का डर
Bihar News: बगहा में ठंड में थोड़ी कमी होने के बाद अब धूप खिलना शुरू हो गया है. लोगों को जहां ठंड से थोड़ी राहत मिली है वहीं अब वन्य जीवों की चहलकदमी बढ़ गई है. रिहायशी इलाके में सांप, भालू समेत तेंदुआ व नीलगाय जैसे वन्य जीवों की चहलकदमी से लोग सकते में आ गए हैं.
बगहा: Bihar News: बगहा में ठंड में थोड़ी कमी होने के बाद अब धूप खिलना शुरू हो गया है. लोगों को जहां ठंड से थोड़ी राहत मिली है वहीं अब वन्य जीवों की चहलकदमी बढ़ गई है. रिहायशी इलाके में सांप, भालू समेत तेंदुआ व नीलगाय जैसे वन्य जीवों की चहलकदमी से लोग सकते में आ गए हैं. दरअसल वाल्मीकि टाइगर रिजर्व किनारे बसे गंडक प्रोजेक्ट कॉलोनी के नजदीक एक साथ तीन की संख्या में भालुओं का झुंड पहुंच गया. जिसके बाद ई टाइप कॉलोनी के आसपास के रास्तों पर लोग थम गए और जब तक भालू वापस जंगल में नहीं गए तब तक आवागमन बाधित रहा.
वहीं दूसरी तरफ घर में घुस रहे दुनिया के खतरनाक सांपों में से एक रसेल वाइपर का बीते दिनों से यहां अलग अलग जगहों पर रेस्क्यू भी किया गया.वाल्मीकिनगर के लोगों का कहना है कि सांप के काटने पर इलाज की यहां कोई व्यवस्था हीं नहीं है. ऐसे में अगर किसी को सांप डस ले तो इलाज कराने सीमावर्ती नेपाल में जाना पड़ता है. सर्दी में कमी व गर्मी की आहट के साथ हीं सांप, भालू और तेंदुए की चहलकदमी आए दिन देखने को मिल रही है जिससे वन वर्ती इलाके के लोग भयभीत हैं.
हालांकि वाल्मीकिनगर को बिहार का कश्मीर कहा जाता है. पर्यटन नगरी में एक मात्र APHC है जो ढंग का बेहतर अस्पताल नहीं है. जबकि यहां सैलानियों का सालों भर जमावड़ा रहता है. लिहाजा एक अदद बेहतर व अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल की यहां बेहद जरूरत है ताकि संकट की घड़ी में मरीजों का बेहतर प्राथमिक उपचार किया जा सके.बता दें कि बिहार के इकलौते VTR में वन्य जीवों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है औऱ यहीं वज़ह है की वन क्षेत्रों से सटे इलाकों ख़ासकर रिहायशी क्षेत्र में वन्य जीवों का विचरण परेशानी का सबब बन गया है.
इनपुट- इमरान अजीज
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