पटना: बिहार की राजधानी पटना को जलजमाव (Water Logging) से बचाने के लिए नालों की उड़ाही का काम शुरू हो चुका है. वार्ड में मौजूद नालों की उड़ाही तो शुरू हो चुकी है, लेकिन पटना के नौ बड़े नालों पर काम शुरू होने में थोड़ा वक्त है. बड़े नालों की उड़ाही के लिए टेंडर का काम जारी है. इस बार नालों की 15 जून तक सभी छोटे और बड़े नालों की सफाई का लक्ष्य दिया गया है.


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दरअसल, जलजमाव से बचाने के लिए पटना नगर निगम ने अपनी तरफ से तैयारी शुरू कर दी है. नगर निगम ने दावा किया है कि इस बार नालों की उड़ाही का काम और पारदर्शिता के साथ समयसीमा में पूरा कर लिया जाएगा. शहर के मोहल्ले में मौजूद नालों की सफाई के लिए सफाई मजदूरों को लगाया गया है. लेकिन बड़े नालों को पूरी तरह साफ करना एक बड़ी चुनौती है. क्योंकि इन्हीं बड़े नालों से होकर पटना का पानी गंगा में गिराया जाता है.


वहीं, अगर बारिश शुरू होने से पहले इनकी सफाई नहीं हुई तो पटना मुश्किल में पड़ सकता है. जानकारी के मुताबिक, नालों की उड़ाही के लिए निजी एजेंसियों से टेंडर मांगा गया है. हालांकि नगर निगम के पार्षद का आरोप है कि जिन छोटे नालों की सफाई के लिए मजदूरों को लगाया गया है, उनसे सफाई संभव नहीं है. वहीं दूसरी ओर कुछ पार्षद ये कह रहे हैं कि नालों की सफाई के लिए टेंडर का काम काफी धीमा चल रहा है.


इधर, पार्षद सुचित्रा सिंह ने कहा कि मोहल्लों में सफाई का काम शुरू हो गया है. लेकिन नालों की सफाई में दैनिक सफाई मजदूरों को लगाया गया है, जिससे मोहल्ले की सफाई प्रभावित होने लगी है.


वहीं, पटना निगम के पार्षद और सशक्त स्थाई समिति सदस्य आशीष सिन्हा ने कहा कि पटना शहर फिर डूबेगा क्योंकि बड़े नालों की सफाई के लिए टेंडर चालू किया गया है और सच्चाई ये है कि इसमें निजी एजेंसी रूचि नहीं ले रही है.


दरअसल, पटना में 9 बड़े नाले हैं और निगम की योजना है कि इन नालों की सफाई निजी संवेदक करें और इसके लिए बारी-बारी से टेंडर निकाला जाएगा. कुछ छह पैकेज में चार की फाइनेंशियल टेंडर यानि वित्तिय निविदा खुल गई है. बता दें कि पटना नगर निगम के तहत नौ बड़े नाले हैं. इनमें बाकरगंज, सर्पेनटाइन, मोट, मंदिरी, कुर्जी और आनंदपुरी, गुरू गोबिंद सिंह पथ, बंगाली कॉलोनी का नाला शामिल है.


इन नालों की सफाई जहां हर तीन महीने पर होनी चाहिए. वहीं, इसकी सफाई साल भर में शायद ही पूरे तरीके से हो पाती है. दूसरी तरफ सफाई के लिए मजदूरों की कमी का भी निगम के कई अंचल कर रहे हैं. ये अंचल है अजीमाबाद और पटना सिटी अंचल. इन्हीं दो अंचलों में पटना के बड़े नाले आते हैं. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा कि क्या आधी अधूरी तैयारी लोगों के लिए संकट का सबब तो नहीं बनेगी.


वहीं, पटना नगर निगम के आयुक्त हिमांशु शर्मा ने कहा कि छह पैकेज में टेंडर निकाले जाएंगे. फिलहाल कुछ का टेंडर बाकी है और इसलिए टेंडर भरने की तारीख बढ़ा दी गई ह. लेकिन जून तक सभी नालों को साफ कर देना है, ताकि पटना की जलजमाव के कारण बदनाम नहीं हो.


बता दें कि पिछली बार की तीन दिन की बारिश और जलजमाव ने तबाही मचाई थी. उससे पटना उबर नहीं सका था. अब जरूरत है कि इस बार बरसात शुरू होने से पहले नालों की सफाई कर दी जाए, ताकि पटना को जलजमाव के भयावह अनुभव का सामना नहीं करना पड़े.