Nitish Kumar: विश्व शांति स्तूप के वार्षिक समारोह में पहुंचे सीएम नीतीश कुमार, 55 साल पहले हुआ था निर्माण
Nitish Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज विश्व शांति स्तूप की स्थापना के 55वें वार्षिक समारोह में शामिल होने राजगीर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने वहां उपस्थित लोगों को शुभकामनाएं दी.
नालंदा: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को नालंदा जिला के राजगीर में विश्व शांति स्तूप की स्थापना के 55वें वार्षिक समारोह में शामिल हुए. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उपस्थित लोगों को शुभकामनाएं दी और देश-विदेश खासकर जापान से पधारे सभी अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने आधुनिक नवनिर्मित एकीकृत भवन का उद्घाटन भी किया.
विश्व शांति स्तूप के 55वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर में विश्व शांति स्तूप का निर्माण वर्ष 1969 में जापान के फियूजी गुरुजी ने कराया था तथा इसका उद्घाटन 25 अक्टूबर, 1969 को तत्कालीन राष्ट्रपति वीवी गिरी ने किया था. उस समय से हर वर्ष 25 अक्टूबर को कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. वर्ष 2019 में विश्व शांति स्तूप के 50 साल पूरे हुए थे तब हमने तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दिल्ली जाकर आमंत्रित किया और वे इस कार्यक्रम में आए थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बुद्ध का राजगीर से काफी पुराना संबंध है. वे वेणुवन में रहा करते थे और फिर यहां से गया चले गये थे, जहां उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और तब से उस स्थान को बोधगया के नाम से जाना जाता है. हमने राजगीर में भगवान बुद्ध से जुड़े सभी स्थलों का विकास कराया है. वेणुवन, जहां भगवान बुद्ध रहते थे, पहले वहां की स्थिति ठीक नहीं थी. इसके क्षेत्र को बढ़ाया गया है और इसे सुंदर बनाया गया. गृद्धकूट पर्वत पर आने-जाने के लिए रास्ता को ठीक कराया गया है. घोड़ाकटोरा में पानी के बीच में भगवान बुद्ध की 50 फीट ऊंची प्रतिमा लगाई गई है. इसके अलावा पटना में बुद्ध स्मृति पार्क एवं बुद्ध स्तूप का निर्माण कराया गया है.
उन्होंने कहा कि राजगीर से हमारा पुराना रिश्ता है. हम बचपन से ही यहां आते रहे हैं. सरकार में आने के बाद वर्ष 2008 में हम राजगीर में सात दिन रहे थे और सभी जगह गए थे. यहीं पर विश्व शांति स्तूप के बगल में कैबिनेट की बैठक कराई थी. राजगीर में विकास के सभी काम करा दिए गए हैं. अब लोगों को बहुत सुविधाएं हो गई है और अब राजगीर आने वाले लोगों की संख्या बहुत बढ़ी है. राजगीर के पहाड़, जिन्हें पंच पहाड़ी कहते हैं, करोड़ों वर्ष पुराने हैं. पहले यहां पेड़-पौधे कम थे, अब हरियाली काफी बढ़ी है. यहां जू-सफारी, नेचर सफारी एवं ग्लास ब्रिज का निर्माण कराया गया है. पिछले साल वर्ष 2023 में मलमास मेले में सभी सुविधाएं मुहैया कराई गई थी तो 3 करोड़ से अधिक लोग आए थे.
कार्यक्रम के लिए उन्होंने राजगीर बुद्ध विहार सोसायटी को धन्यवाद भी दिया. मुख्यमंत्री ने विश्व शांति स्तूप की परिक्रमा की और भगवान बुद्ध की पूजा-अर्चना कर राज्य की सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की. कार्यक्रम को वाइस चेयरमैन, राजगीर बुद्ध विहार सोसायटी तथा चेयरमैन बोर्ड ऑफ डायरेक्टर अत्णुहिरो होरीयुषी ने भी संबोधित किया. मुख्यमंत्री को परम पावन दलाई लामा के भेजे गए उपहार को भेंट किया गया.
मुख्यमंत्री ने राजगीर विश्व शांति स्तूप से जुड़े चीफ मंक एंड वाइस चेयरमैन, राजगीर बुद्ध विहार सोसायटी अत्णुहिरो होरीयुची तथा सीईओ, सेंटोकू कंपनी लिमिटेड केनसुके होरीयुची को प्रतीक चिह्न एवं अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया. मुख्यमंत्री ने विश्व शांति स्तूप के 55वें वर्षगांठ के अवसर पर रोपवे के निकट नवनिर्मित एकीकृत भवन का शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया. मुख्यमंत्री ने स्वच्छ राजगीर अभियान का भी शुभारंभ किया. इस अवसर पर जल संसाधन सह प्रभारी मंत्री, नालंदा जिला विजय कुमार चौधरी, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रेम कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार उपस्थित रहे.
इनपुट- आईएएनएस
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