नई दिल्ली: झारखंड के अति नक्सल प्रभावित इलाकों का भी अब तेजी से विकास हो रहा है. रघुवर सरकार की पहल के बाद अब अधिकारी खुद गांव तक पहुंचकर सरकारी योजनाओं की शुरुआत कर रहे हैं, जिससे गांववालों में खुशी की लहर दौड़ गई है और वो मुख्यमंत्री रघुवर दास को धन्यवाद दे रहे हैं. कभी नक्सलवाद का गढ़ माने जाने वाले खूंटी का सारिदकेल गांव विकास के इन प्रयासों का एक बेहतरीन उदाहरण है. यहां खेतों तक सौर ऊर्जा की मदद से पानी पहुंचाया जा रहा है. पहले किसानों को इसके लिए लाखों रुपए खर्च करने पड़ते थे लेकिन सरकार की सहयोग से अब इस परेशानी से किसानों को निजात मिल गई है. वहीं महिला किसानों को भी खेती के गुर सिखाए जा रहे हैं.


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ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को रोजगार देने के लिए NGO और टाटा ट्रस्ट जैसे संस्था काम कर रही है. खेती करने और कम समय में ज्यादा मुनाफा हो इसको लेकर महिलाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है.


किसान सुषमा देवी ने सरकार की तारीफ करते हुए कहा, पहले उपज कम थी, लेकिन अब बैंगन की खेती कर रहे हैं और अधिक उपज के कारण हमारी आमदनी बढ़ गई है. किसान राधा देवी ने कहा, सरकार के प्रयास के कारण अब हमारा गांव उन्नति की राह पर है. सरकार ने हमारी काफी मदद की है.



इसके साथ ही सरकारी व्यवस्था से तैयार फसलों को बेचने का काम भी खूंटी जिले में शुरू किया गया है. सरकार ने 40 हजार मीट्रिक टन लाह के उत्पादन का लक्ष्य रखा है. गांव में लाह की खेती को लेकर रांची और केरल से आई विशेषज्ञों की टीम ने हर सहयोग का वादा किया.


ग्रामीण विकास मंत्री ने किसानों को सम्मानित भी किया. साथ ही गांव में लाह की खेती को लेकर रांची और केरल से आई विशेषज्ञों की टीम ने हर सहयोग का वादा किया.


''युवाओं के सपने पूरे करने के लिए प्रतिबद्ध है झारखंड सरकार''


ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि, उन्नत बीज देकर हम उपज को दोगुना-तिगुना करने की कोशिश कर रहे हैं. सरकार चाहती है कि लाह की खेती वैज्ञानिक रूप से हो.


रघुवर सरकार की पहल के बाद खूंटी में विकास की योजनायें ना सिर्फ धरातल पर उतर रही हैं, बल्कि इससे किसानों को लाभ भी मिलने लगा है.


(Exclusive फीचर )