गया : भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली बोधगया में वर्ष 2013 में हुए सीरियल बम ब्लास्ट केस में एनआईए कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी करार दिया है. सजा की बिंदुओं पर 31 मई को सुनवाई होगी. इससे पहले महाबोधि मंदिर में दोषियों को कड़ी सजा और विश्व शांति के लिए बौद्ध भिक्षुओं ने विशेष पूजा की. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सुनवाई के लिए सभी पांच आरोपियों को एनआईए कोर्ट में पेश किया गया था, स्पेशल जज मनोज कुमार ने सुनवाई करते हुए सभी को सीरियल बम ब्लास्ट केस का दोषी पाया.


सात जुलाई 2013 की सुबह बोधगया में सीरियल बम धमाके हुए थे और तीन अलग-अलग जगहों से जिंदा बम भी बरामद किया गया था. इस पूरे मामले की जांच देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी एनआईए कर रही है. एनआईए ने बम धमाके मामले में 6 आतंकियों को गिरफ्तार किया था.


बोधगया बम ब्लास्ट मामले पर एनआईए कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी. इसके पूर्व महाबोधि मंदिर में बौद्ध भिक्षुओं ने विशेष पूजा अर्चना और सुतपाठ किया. भिक्षुओं ने आरोपियों को कड़ी सजा और विश्व शांति के लिए प्रर्थना की.


इस धमाके में एक तिब्बती बौद्ध भिक्षु और म्यांमार के तीर्थ यात्री घायल हो गए थे. बोधगया ब्लास्ट में एनआईए की तरफ से 90 गवाहों को पेश किया था. विशेष न्यायाधीश ने 11 मई 2018 को बहस पूरी होने के बाद निर्णय 25 मई के लिए सुरक्षित रख लिया था.


हाल ही में कोलकाता पुलिस ने बोधगया बम बरामदगी मामले से जुड़े होने के आरोप में आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के एक संदिग्ध सदस्य को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार आरोपी की उम्र 20-25 साल थी, जिसे पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के धुलियां से पकड़ा था. उसकी शिनाख्त नूर आलम के रूप में हुई थी.