Patna: बिहार में मंगलवार को मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है. इस दौरान कुल 17 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली. लेकिन इस कैबिनेट विस्तार में कुछ नेताओं की नारजगी भी खुलकर सामने आई. इस बीच, बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजधानी दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मिलने पहुंचे. मुलाकात से पहले मीडिया से बात करते हुए सीएम नीतीश ने कई मुद्दों पर बात रखी.


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सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से जब बिहार में कैबिनेट विस्तार में नेताओं की नारजगी पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, 'हर पार्टी अपना कैडिंडेट निर्धारित करती है कि किसको मंत्री बनना है, वो सब कल मंत्री पद की शपथ ले लिए, लेकिन अगर किसी को अच्छा नहीं लगता है तो वह उसकी निजी बातचीत है.'


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वहीं, केंद्रीय मंत्रिमंडल में जेडीयू के कम अनुपात के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा, 'विस्तार की कोई चर्चा नहीं है. वह डेढ़ साल पहले की बात है, इसकी कोई बात नहीं है. सेवा करना हमारा धर्म है. जनता ने सेवा करने का मौका दिया है, हम सेवा करते रहते हैं, किसी के साथ Co-ordination में कोई कमी नहीं है.


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दरअसल, भाजपा में मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद बगावत के भी स्वर उठने लगे हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता और बाढ़ से विधायक ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानु ने नए मंत्रियों के चेहरों पर पार्टी के निर्णय को गलत ठहराया है. उन्होंने कहा मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा ने जाति, क्षेत्र और छवि का ख्याल भी नहीं रखा. उन्होंने कहा कि अनुभवी लोगों को दरकिनार कर दिया है तथा सवर्णो की उपेक्षा की गई है. बीजेपी विधायक ने कहा कि मंत्रिमंडल में कई जिलों से तीन-तीन मंत्री बन गए हैं, जबकि कई जिलों को छोड़ दिया गया है.