पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रचार में जोरों से लगे हैं. इसी क्रम में सीएम नीतीश कुमार एक दिन में कई-कई जनसभा को संबोधित कर रहे हैं. इस बीच, रविवार को नीतीश कुमार बिहार के मधुबनी में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे और यहां अपने सरकार के विकास कार्यों का ब्यौरा दिया साथ ही पिछली सरकार के काम को लेकर निशाना भी साधा.


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नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा, 'बिहार के सभी लोगों की सेवा करना ही हमारा धर्म है. पहले बिहार का बहुत बुरा हाल था, अपराध की बहुत सी घटनाएं घटी, विकास का दर न के बराबर था, हम लोगों ने हर चीज पर नियंत्रण किया. हमने शुरू से कहा है कि हम न्याय के साथ विकास के रास्ते पर चलते हैं.'



दरअसल, एक तरफ नेता प्रतिपक्ष और महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) सीएम नीतीश कुमार पर हमलावर है. तो वहीं, एनडीए जनता को लालू यादव (Lalu Yadav) के शासनकाल की याद दिला रहा है कि उस वक्त जंगलराज था और बिहार में अपराध का बोलबाला था.


एनडीए का कहना है कि बिहार में बीते 15 सालों में नीतीश कुमार के नेतृत्व में जमकर विकास हुआ है. अपराध पर लगाम लगाई गई है और शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और रोजगार के क्षेत्र में जमकर काम हुआ है. जबकि तेजस्वी यादव कहना है कि 'हमारी रैलियों में मौजूद भीड़ दिखाती है कि लोग नीतीश कुमार से नाराज नहीं हैं, बल्कि वे उनसे अब नफरत करते हैं, यह उनके गुस्से का स्तर है. जाति, पंथ, वर्ग और धर्म को अलग रखते हुए, लोग बेरोजगारी के मुद्दे पर अब बिहार चुनाव लड़ रहे हैं.'


इतना ही नहीं, तेजस्वी का आरोप है कि नीतीश कुमार पिछले 15 साल से बिहार की सत्ता में हैं, लेकिन पिछले 10 साल में कोई काम नहीं हुआ. उनका आरोप है कि बिहार में युवाओं को रोजगार से दूर रखा गया. जो भी युवा पलायन कर अन्य राज्यों में कमाने गए थे, वे जब कोरोनाकाल में अपने राज्य लौट रहे थे, तो उन्हें देखने के बजाय मुख्यमंत्री अपने कमरे में बंद थे, लेकिन आज जब वोट लेने का समय आया तो घर से निकले हैं.


तेजस्वी का कहना है, 'बिहार के लोग आज शिक्षा और रोजगार के लिए बाहर जा रहे हैं. राज्य में अस्पताल बदहाल है और शिक्षा व्यवस्था चौपट है. मुख्यमंत्री अब थक गए हैं. उनसे बिहार नहीं संभल रहा है.'